CG News: बीजापुर जिले के भोपालपटनम ब्लाक के इंद्रावती और चिंतावागु नदी किनारे खुले में सुखाए जा रहे हरा सोना यानी तेंदूपत्तों की हजारों गड्डियां बारिश के पानी में बह गईं। इससे शासन को करोड़ों के नुकसान होने की आशंका है। हरा सोना यानी तेंदू पत्ता का संग्रहण करने वाले ग्रामीणों को प्रति मानक बोरे की सरकारी दर 5,500 रुपये निर्धारित की गई है। छत्तीसगढ़ के वनांचल क्षेत्र में रहने वाले ग्रामीणों के लिए तेंदूपत्ता सोने जैसा है।
पोषड़पल्ली, करकावाया, बामनपुर, गोरगुंडा, अर्जुनल्ली जैसे इलाकों में सैकड़ों ग्रामीणों ने तपती गर्मी में पत्तों को तोड़ा, बांधा और सुखाया। इनकी मेहनत एक झटके में बह गई। न तो उन्हें मेहनताना मिला, न ही पत्तों की कीमत। कई ग्रामीणों ने विभाग पर आरोप लगाया कि समय रहते उन्हें चेतावनी नहीं दी गई और पत्तों को स्थानांतरित करने की कोई व्यवस्था नहीं थी।