बिलासपुर. सरकंडा मुक्तिधाम में अज्ञात शव के होने वाले कफन दफन पर ही सवालिया निशान लगा हुआ है। प्रशासन व पुलिस की ढुलमुल कार्यशैली की वजह से शव जो सम्मान मिलना चाहिए वह भी नसीब नहीं हो रहा है। पत्रिका की टीम ने जब मौके पर पहुंच कर दफनाने वाली जगह का अवलोकन किया तो पूरे मरघट में मानव मुंड व शरीर के अन्य पार्ट बिखरे पड़े है। अधिकारियों की माने तो अगर ऐसा हो रहा तो मामले में सम्मान पूरे सम्मान के साथ उन मृत देह का दुबारा से कफन दफन कराया जाएगा।
हत्या, दुर्घटना या फिर लवारिश व्यक्ति जिनका कोई नहीं होता ऐसे अज्ञात शव की पहचान न होने पर, पोस्ट मार्टम के बाद उनके कपड़े व पहचान संबंधी समाग्री रख पुलिस निगम की सहायता से शव का कफन दफन करती है। मृत देह को ससम्मान दफन किया जाता है।
कफन दफन करने की प्रक्रिया के बाद पुलिस शव की पहचान कभी हो तो उनके परिजनो में मृत देह के अवशेष लौटाया जा सके इसके लिए चिंहित भी किया जाता है। सरकंडा मुक्तिधाम में ठीक इसके विपरीत ही काम चल रहा है।
लवारिश या अज्ञात शव की शिनाख्त करने की अगर नौबत आ जाए तो स्थिति यह है कि पुलिस या प्रशासन के कर्मियों को मानव मुंड के झुंड को दिखा कर यह बोलना पडेगा की शायद यह मृत देह आप के परिजनों की हो सकती है। सरकंडा मुक्तिधाम में जहां अज्ञात शवों को कफन दफन किया जाता है
वहा की अवस्था देख किसी भी संवेदनशील व्यक्ति की आंखे भी शर्म से तारतार हो जाएगी। जहां भी देखो वहा पर मानव मुंड की व शरीर के अन्य पार्ट की दुर्दशा हो रही है। जहां शव को दफन किया गया है वहा से मिट्टी का ढेर ही नहीं है।
कपड़े, कंबल या पन्नी में ही शव को लिप्टा हुआ यहा वहां फेका गया है। प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि मौके का मुआयना कराने के बाद शवो को दुबारा से सम्मान के साथ कफन दफन किया जाएगा।