प्राकृतिक आपदा से निपटने किया गया मॉकड्रिल और लोगों को जागरूक
गौरैला-पेंड्रा-मरवाही. प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए आज कलेक्टर प्रियंका ऋषि महोबिया के मार्गदर्शन में देवरगांव स्थित मलेनिया डैम में मॉकड्रिल किया गया। इस दौरान एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की संयुक्त टीम ने प्राकृतिक आपदा के दौरान लोगों के रेस्क्यू करने का अभ्यास किया।मॉकड्रिल मे लोगों को आपदा के समय बचने और सावधानी बरतने के तरीके भी बताए गए। इस अवसर पर अपर कलेक्टर नम्रता आनंद डोंगरे, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. आई नागेश्वर राव, डिप्टी कमांडेंट कन्हैया योगी, दीपांकुर नाथ, उप निरीक्षक प्रमोद कुमार, जनपद सीईओ सहित संबंधित अधिकारी, स्थानीय जनप्रतिनिधिगण और बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।
एनडीआरएफ के उप निरीक्षक राजीव कुमार ने बताया कि मॉकड्रिल का मुख्य उद्देश्य प्राकृतिक आपदा आने पर विपरीत परिस्थितियों में राहत व बचाव कार्य परखना है, ताकि अनिश्चित समय में आपदा आने पर त्वरित कार्रवाई कर मानव जीवन को बचाया जा सके। इस दौरान प्रशिक्षित बल द्वारा बाढ़ और पानी में डूबने से बचाव के लिए लोगों को जागरूक किया गया। बाढ़ में डूबे व्यक्ति को बाहर निकाल कर तत्काल प्राथमिक उपचार उपलब्ध कराने, डूबने के कारण बेहोश व्यक्ति के शरीर से मौके पर पानी निकालने की विधि और डूबने के कारण हार्ट अटैक से बचाव के तरीके बताया गया। आपदाओं में रेस्क्यू कर एम्बूलेंस से हॉस्पिटल पहुंचाने का अभ्यास किया गया। मॉकड्रिल में टीम ने घरेलू सामान जैसे पानी के खाली बोतलों, गैलन, थर्मोकॉल से बाढ़ से बचने और उपयोग की जानकारी दी गई।
बाढ़ और भूकंप के दौरान घबरायें नहीं, करें ये उपाय
बाढ़ के दौरान जरूरी सामान सुरक्षित व सूखा रखें। दूषित खाद्य सामग्रियों का सेवन न करें। साफ पानी की आपूर्ति प्राप्त होने तक सीधे एकत्रित किये हुए बरसात के पानी को उबालकर ही पिये। बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गो का विशेष ध्यान रखे। बच्चों को बाढ़ के पानी में खेलने या तैरने न दें। विषैले जीव जंतु जैसे सॉप, बिच्छू आदि के प्रति सचेत रहें। डूबते व बहते हुये व्यक्ति को किनारे से लकड़ी, रस्सी, कपड़ा या खाली जरीकेन अथवा प्लास्टिक का बड़ा डब्बा फेंककर बचायें। बाढ़ के पानी में अनावश्यक आवागमन न करें। बाढ़ से प्रभावित क्षेत्र में नदी के किनारों से सुरक्षित दूरी पर रहें।
इसी तरह भूकंप के दौरान भयभीत न हों, शांती बनाए रखें। खिडक़ी, बुक केस, शीशें व भारी अलमारी तथा शोकेस तथा गिरने वाली चीजों से दूर रहें। दरवाजे के पास खड़े न हों, भूकम्प के तेज झटके से दरवाजा टूट सकता है, हवा से उडक़र आने वाले सामान भी आपको घायल कर सकते हैं। यदि पुराने व कमजोर घर में हैं, तो तेजी से सुरक्षित रास्ते से बाहर आयें। भूकम्प के दौरान एलिवेटर या लिफ्ट का प्रयोग न करें, सीढ़ी से नीचे उतरे। किसी टेबल या मजबूत फर्नीचर के नीचे शरण लें और उस फर्नीचर के पैरों को तब तक मजबूती से पकड़ कर रखे, जब तक झटके रूक न जाये। अगर घर में ऐसा कोई फर्नीचर नहीं है तो घुटने के बल मजबूत दीवार के साथ फर्श पर बैठ जाएं व अपने हाथों को फर्श पर रख लें तथा सिर व चेहरे को बचायें। घर से बाहर है तो इमारतों, बिजली के खम्भो व तारों तथा पेड़ों से दूर रहें व खुले मैदान मे जाएं। भूस्खलन, बोल्डर्स, बडी बिल्डिगं व ढीले बिजली के तारों से दूरे बनाये रखें।