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VIDEO: चेन्नई में अब भी कई इलाके जलमग्न, लोगों के फंसे होने की आशंका

ग्रेटर चेन्नई पुलिस ने बचाव और राहत कार्यों के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए हैं। भिन्न इलाकों में 200 से अधिक नौकाओं को काम में लगाया गया है।

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चेन्नई.

चक्रवात के कारण आई बाढ में अब भी ऐसे इलाके है जहां गर्दन तक पानी भरा हुआ है। नगर निगम और प्रशासन की ओर से उन्हें अभी तक कोई मदद नहीं पहुंचाई गई है। वेलचेरी के अंदरुनी इलाके अभी भी जलमग्न है। यहां लोगों को दूध, पीने का पानी सहित कई खाद्य सामग्री नहीं मिल पा रही है। सरकार ने कहा कि कुछ इलाकों में बिजली के तार पानी में गिरने के कारण ‘‘एहतियाती उपाय’’ के तौर पर बिजली काटी गयी है जबकि सामान्य स्थिति बहाल किए जाने के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं।

चेन्नई में एक और दिन सात दिसंबर के लिए स्कूलों तथा कॉलेजों में छुट्टी घोषित की गई है।

चक्रवात के असर से हुई भारी बारिश के कारण वेलच्चेरी और तांबरम सहित कई इलाकों में बाढ़ आ गई थी। बुधवार को भी लोगों को जलभराव वाले इलाकों में अपने घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर जाते देखा गया। अपने बच्चों को लेकर लोगों को सड़कों पर घुटनों तक भरे पानी के बीच से गुजरना पड़ा। लोगों ने सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए और अधिक नौकाएं भेजने सहित अन्य मदद के लिए गुहार लगायी।

ग्रेटर चेन्नई पुलिस ने बचाव और राहत कार्यों के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए हैं। भिन्न इलाकों में 200 से अधिक नौकाओं को काम में लगाया गया है। अधिकारी ने कुछ इलाकों में अभी तक बिजली आपूर्ति बहाल नहीं किए जाने पर कहा कि किसी अप्रिय घटना से बचने के लिए ‘‘एहतियातन कदम’’ के तहत यह किया गया है क्योंकि सरकार नहीं चाहती कि किसी को क्षति पहुंचे। उन्होंने कहा, ‘‘हम बिजली आपूर्ति के लिए तैयार हैं लेकिन किसी की जान को नुकसान नहीं होना चाहिए, किसी पर असर न पड़े, कोई दुर्घटना न हो। जहां भी बिजली की केबल पानी में हैं तो वहां एहतियातन कदम के तौर पर बिजली आपूर्ति बहाल करने में देरी है।’’

उन्होंने बताया कि जल स्तर कम होने पर स्थिति बेहतर हो जाएगी। बाद में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि विभिन्न जिलों में 372 राहत केंद्रों में करीब 41,400 लोग रह रहे हैं और उन्हें भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। बहुत ज्यादा प्रभावित चार जिलों चेन्नई, तिरुवल्लूर, कांचीपुरम और चेंगलपेट में 800 से अधिक इलाके जलमग्न हैं और करीब 19,000 लोगों को वहां से निकालकर राहत शिविरों में ले जाया गया है।