चेन्नई/कोयम्बत्तूर.
मदुरै में विश्व प्रसिद्ध श्री मीनाक्षी-सुंदरेश्वर मंदिर का चिथिराई थेरोट्टम (कार उत्सव) रविवार को मनाया गया। महोत्व की शुरुआत भगवान सुंदरेश्वर के 56 फीट ऊंचे “द्वाजस्तंभ” (ध्वजस्तंभ) पर पारंपरिक तरीके से पवित्र ध्वज के फहराने के साथ हुई। इसे यहां चल रहे 12 दिवसीय वार्षिक चिथिराई ब्रम्होत्सव उत्सव के हिस्से के रूप में आयोजित किया गया। इस उत्सव में शामिल होने के लिए तडक़े से सडक़ों पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु एकत्र होना शुरूहो गए। जुलूस निकालने से पहले भगवान सुंदरेश्वर और देवी पिरियाविदाई के लिए विशेष पूजा-अर्चना की गई। इस उत्सव की शुरूआत 23 अप्रेल को हुई। ये 2 मई को संपन्न होगा।
जुलूस के दौरान भक्तों ने पूरी तरह सजी हुई लकड़ी की कारों को खींचकर उत्सव मनाया, जिसमें एक कार में भगवान सुंदरेश्वर और देवी मीनाक्षी की मूर्ती रखी गई और दूसरी कार में देवी मीनाक्षी की मूर्ती को रखकर पूर्वी मासी सडक़ से हर हर शंकर, मीनाक्षी सुंदरा का जाप करते हुए जुलूस निकाला गया। यात्रा की व्यवस्था के लिए हजारों पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाई गई है। इसके अलावा जुलूस में लकड़ी के छोटे कारों में भगवान विनायका, भगवान मुरुगन और भगवान नयनमार्स रखा गया और उत्सव मनाया गया। तमिल महीने चिथिराई में मनाए जाने वाले कार उत्सव में राज्य के विभिन्न हिस्सों से भक्त पहुंचते हैं।