छतरपुर. 14 हजार एडमिशन वाले विश्वविद्यालय में छात्रों को बैठने की सुविधा देने के लिए विश्वविद्यालय में दो नए भवन बनाए गए हैं। विश्व बैंक और उच्च शिक्षा विभाग से मिले 8 करोड़ 42 लाख रुपए से दो बहुमंजिला भवन बनाए गए हैं। इन भवनों का मुख्यमंत्री शिवराज सिंह छतरपुर गौरव दिवस पर उद्घाटन करेंगे, लेकिन उसके पहले ही घटिया निर्माण के चलते दीवारों में दरारें नजर आने लगी है। ऐसे में दीवारों की दोबारा पुताई कर भवन की दरारें छिपाई जा रही है।
6 हजार छात्रों के बैठने के हिसाब से बनाए भवन
प्रदेश में सबसे ज्यादा छात्र-छात्राओं वाले महाराजा छत्रसाल बुंदेलखंड विश्वविद्यालय छतरपुर में विद्यार्थियों के बैठने की समस्या इस सत्र से समाप्त हो जाएगी। विश्व बैंक से 4 करोड़ 86 लाख और उच्च शिक्षा विभाग से मिले 3 करोड़ 56 लाख की लागत से बहुमंजिला कैंपस तैयार किया जा रहा है। जिसमें करीब 6 हजार छात्रों को पढऩे की सुविधा मिलेगी। 8 करोड़ 42 लाख की लागत वाले नए भवन में दो शिफ्टों में पढ़ाई के साथ कैंटीन की सुविधा भी मिल सकेगी।
जी प्लस टू स्टाइल में बना कैंपस
विश्वविद्यालय में बनाए गए नए भवन को 4 करोड़ 86 लाख की लागत से जी प्लस टू पैटर्न पर बनाया गया है। ग्राउंड फ्लोर के साथ दो मंजिल और इस भवन में बनाई गई है, जिसमें 100 छात्र प्रति कक्ष बैठक क्षमता वाले 21 से 24 कमरे बनाए गए हैं। इसके साथ ही छात्रों की सुविधा के लिए एक कैंटीन भी बनाई गई है। इसके अलावा उच्च शिक्षा विभाग से मिले 3 करोड़ 56 लाख की लागत से 6 बड़े हॉल बनाए गए हैं, प्र्रत्येक हॉल की क्षमता 300 स्टूडेंट की है।
छह जिले के कॉलेज विश्वविद्यालय से हैं संबद्ध
महाराजा कालेज को मर्ज कर शुभारंभ किए गए विश्वविद्यालय की संबद्वता छतरपुर सहित छह जिलों में है। पहले पांच जिले छतरपुर, दमोह, पन्नाा, सागर, टीकमगढ़ आते थे, लेकिन पूर्व के वर्षों में निवाड़ी जिला अलग हुआ है। ऐसे में निवाड़ी जिले के कालेजों की संबद्वता भी महाराजा छत्रसाल बुेंदलखंड विश्वविद्यालय से है। इन जिलों के 172 कॉलेज व उनसे जुड़े डेढ लाख स्टूडेंट महाराजा छत्रसाल बुंदेलखंड विश्वविद्यालय से संबद्ध हैं।
वर्ष 2015 से विवि, अब जुट रही सुविधाएं, लेकिन गुणवत्ता की शिकायत
महाराजा छत्रसाल बुंदेलखंड विश्वविद्यालय का शुभारंभ वर्ष 2015 में हुआ है। छतरपुर के सबसे पुराने महाराजा कालेज का विलय कर विश्वविद्यालय का शुभारंभ करवाया गया है। शुभारंभ के बाद से ही विश्वविद्यालय का संचालन महाराज कालेज के भवन में किया जा रहा है। विश्वविद्यालय के लिए जमीन आरक्षित हो गई है, लेकिन वहां भवन निर्माण नहीं हुआ है। वहीं नए सत्र में विश्वविद्यालय में स्नातक, स्नातकोत्तर सहित करीब छह हजार छात्र संख्या बढ़ जाएगी। इसको देखते हुए दो नए भवन बनाए गए हैं।
इनका कहना है
भवन कहीं घंसा नहीं है। पलस्तर में कहीं-कहीं क्रेक है। विश्वविद्यालय के प्रोफेसरों के दल के निरीक्षण के बाद ही भवन हैंडओवर लिया जाएगा। सोशल मीडिया में वायरल वीडियो में कहीं और की बिल्डिंग नजर आ रही है।
एसडी चतुर्वेदी, कुलसचिव, महाराजा छत्रसाल बुंदेलखंड विश्वविद्यालय, छतरपुर