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छतरपुर

फर्जी जियो टैग के आधार पर निकाली लाखों की रुपए की राशि, तीन रोजगार सहायक बर्खास्त

छतरपुर जनपद के 2 और बिजावर जनपद के एक रोजगार सहायक पर कलक्टर ने की कार्रवाई

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छतरपुर. प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत स्वीकृत आवासों की फर्जी तरीके से जियो टेग करके हितग्राहियों के खाते में राशि देकर धांधली करने वाले तीन रोजगार सहायकों की सेवा समाप्त कर दी गई है। शिकायत पर हुई जांच में गड़बड़ी पकड़े जाने पर कलक्टर ने कार्रवाई की है। कलक्टर की कार्रवाई बिजावर में रोजगार सहायक प्रमोद पाठक, छतरपुर में रवि पाठक और पंकज तिवारी को पद से बर्खास्त किया गया है।


भाई को दिलाया अनुचित लाभ
जनपद पंचायत बिजावर की ग्राम पंचायत लहर के रोजगार सहायक प्रमोद पाठक की संविदा समाप्त कर दी है। प्रमोद पाठक ने रोजगार सहायक रहते अपने भाई विनोद पाठक को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ देते हुए एक लाख 20 हजार रुपए की राशि खाते में पहुंचा दी। इस मामले की शिकायत होने पर जांच कराई गई तो रोजगार सहायक प्रमोद पाठक और उनके दूसरे भाई पूर्व सरपंच जगदीश पाठक ने जांच टीम को जो मकान दिखाया वह गैराजनुमा बना हुआ था। पंचायत सचिव ने रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए बताया कि रोजगार सहायक प्रमोद पाठक ने अपने भाई विनोद पाठक को अनुचित लाभ पहुंचाया है, जबकि विनोद पाठक का परिवार संयुक्त रूप से रहता है। इनका दो मंजिला मकान है। एक मकान छतरपुर के राधिका गार्डन में है। तीन ट्रैक्टर हैं। चार पहिया लग्जरी वाहन हैं। तीनों भाइयों के पास बाइक हैं। प्रमोद पाठक द्वारा दूसरे हितग्राही रामप्यारे कुशवाहा को संबल योजना में मिली राशि में भी प्रमोद पाठक द्वारा लेन-देन किया गया। इस पर प्रमोद पाठक पर एक लाख 37 हजार 544 रुपए की वित्तीय गड़बड़ी पाए जाने पर संविदा समाप्त कर दी है।


नैगुंवा के दो रोजगार सहायको ने किया घोटाला
कलेक्टर संदीप जीआर ने छतरपुर जनपद पंचायत नैगुवां के दो रोजगार सहायकों की सेवा समाप्त की है। यहां पर वर्ष 2019-20 और वर्ष 2018 से 2020 में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास निर्माण में व्यापक स्तर पर गड़बड़ी हुई है। ग्राम पंचायत नैगुवां में वर्ष 2019-20 में हितग्राही रामसहाय पटेल, शिवनारायण पांडेय, कल्लू साहू, भगवान दास पटेल और किल्कू पाल का आवास स्वीकृत हुआ था। इन हितग्राहियों की रोजगार सहायक रवि पाठक द्वारा जियो टेग की गई। इसके बाद शासन से राशि स्वीकृत कराकर चार किश्तों में चारों हितग्राहियों को 6 लाख 72 हजार 500 रुपए का भुगतान कर दिया गया। इस मामले की शिकायत जनपद पंचायत छतरपुर के सीईओ से की गई। मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच कराई गई। 27 जनवरी 23 को जांच समिति ने जांच रिपोर्ट प्रस्तुत की। इसमें पाया गया कि मौके पर एक भी आवास नहीं बना है। इस पर रोजगार सहायक रवि पाठक को नोटिस जारी किया गया। रवि पाठक ने शासन को जवाब दिया कि उसने जियो टेग नहीं की है। किसी ने पासवर्ड कर फर्जी तरीके से रिपोर्ट दी है। रोजगार सहायक रवि पाठक के इस जवाब से कलक्टर संतुष्ट नहीं हुए और रोजगार सहायक रवि पाठक की संविदा समाप्ति का आदेश जारी कर दिया। इसी प्रकार का दूसरा मामला भी ग्राम पंचायत नैगुवां में ही सामने आया है। यहां पर मोती लाल पटेल का आवास स्वीकृत हुआ था। इसकी भी फर्जी तरीके से जियोटेग करके पोर्टल पर आवास निर्माण दिखाकर हितग्राही के खते में कुल एक लाख 20 हजार रुपए डाल दिए गए। इस मामले में तत्कालीन रोजगार सहायक पंकज तिवारी दोषी पाए गए इस पर इनकी संविदा समाप्त कर दी गई।