ओमप्रकाश शर्मा/चूरू। यूं तो शराब तस्करी और गैंगवार के लिए पूरा जिला ही चर्चा में रहता है, लेकिन अगले दिन हरियाणा की सीमा से सटे राजगढ़ क्षेत्र पहुंचे, तो हालात से रूबरू हुए। क्षेत्र को अपराध का सिंहद्वार कहा जाए तो अतिशयोक्ति नहीं होगी। इस क्षेत्र में शराब तस्करी को लेकर अपराधी गुटों का भिडऩा सामान्य बात है। सुमेर फगेडिय़ा, विरेन्द्र न्यांगली, अजय जैतपुरा हत्याकांड जैसी आपराधिक घटनाओं की दहशत यहां चर्चा में महसूस की जा सकती है। अब यहां पर लोरेंस विश्नोई गिरोह के संपत नेहरा और दूसरे गुर्गों के बीच वर्चस्व को लेकर टकराव की खबरें आती रहती हैं।
लूट और रंगदारी की वारदातों के बढऩे से यहां का व्यापारी वर्ग दहशत में नजर आता है। शहर में हर कोई इस मुद्दे पर चर्चा से बचता नजर आता है। स्थानीय निवासी किशन सिंह कहते हैं कि राजस्थान में किसी भी गैंग की धरपकड़ हो, राजगढ़ में दबिश जरूर होगी। उल्लेखनीय है कि अपराधियों की सक्रियता को देखते हुए ही यहां सरकार ने एसओजी की चौकी खोली है। यह बात अलग है कि इस चौकी पर अधिकारी की तैनाती नहीं है। पहली तैनाती आनन-फानन में उस समय की गई थी, जब स्थानीय विधायक ने विधानसभा में सवाल लगाया था।
सुजानगढ़ जिले के लिए 15 माह से आंदोलन
इससे पहले रतनगढ़ क्षेत्र के बाद मैं पहुंचा सुजानगढ़। यहां लोगों से बात करने के लिए बाजार की ओर मुड़ा तो बस स्टैंड पर ही धरना बैठे लोग मिले। ये लोग गर्मी को नजर अंदाज कर वहीं ‘मनोरंजन’ में जुटे थे। परिचय देते ही वे सावधान हुए और सुजानगढ़ को जिला बनाने के नारे लगाने लगे। ये लोग करीब 15 माह से आंदोलनरत हैं। हालांकि सुनवाई नहीं हुई। सरकार ने 19 नए जिले बनाने की घोषणा की, लेकिन उनके शहर को शामिल नहीं किया गया। शहर के बस स्टैंड के पास धरने में बैठे मौजदीन ने बताया कि ऐसा धरना शहर में दो स्थानों पर चल रहा है। यह धरना पंद्रह माह से लगातार जारी है। पहले हम हाईवे पर बैठे थे, वहां हाईवे जाम करने के बाद प्रशासन ने हटा दिया। तभी से बस स्टैंड और मुख्य बाजार में धरना चल रहा है।
कैम्प में रजिस्ट्रेशन, सालासर में साधन नहीं
धरना स्थल पर ही लोगों से सरकारी योजनाओं की चर्चा की। यहां खूबसूरत ने बताया कि हमने महंगाई राहत कैम्प में रजिस्ट्रेशन कराया है। अब देखना है कि सरकार वास्तविकता में कितनी राहत देती है। यहां से हम सालासर पहुंचे। भक्ति की इस नगरी में बाहरी लोगों का आवागमन अधिक रहता है। यहां बसों की सुविधा को लेकर लोगों में रोष दिखा। स्टैंड पर बस का इंतजार कर रहे सुरेश जाट का कहना था कि पूरे देश से जहां लोग आते हैं, वहां भी बस स्टैंड पर सुविधा के नाम पर कुछ नहीं। इस गर्मी में बस का इंतजार किसी परीक्षा से कम नहीं। परिवहन निजी बसों के ही हवाले नजर आता है।
तारानगर: नहरी पानी की दरकार
तारानगर में लोगों ने सफाई व्यवस्था को लेकर शिकायत की। स्थानीय निवासी विक्रम सिंह कहते हैं कि यह नियमित काम है, लेकिन स्थानीय प्रशासन इसे लेकर गम्भीर नहीं है। क्षेत्र के ग्रामीण इलाके के किसानों को नहरी पानी चाहिए। इसके लिए काम तो शुरू हुआ, लेकिन थोड़ा देर से। अब नहरे बन रही हैं, जिनसे पानी आने की उम्मीद है। हर चुनाव में कस्बे को ट्रेन से जोडऩे का मुद्दा उठता है, लेकिन चुनाव बाद इसे बिसरा दिया जाता है।