दमोह. नगर परिषद हिंडोरिया के ट्रैक्टर ड्राइवर की व्यारमा नदी में ट्रैक्टर सहित गिरने से हुई मौत के मामले में लगातार विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। इस मामले में नगर पालिका को दोषी मानते हुए बुधवार को उग्र प्रदर्शन किया गया जिसमें नगर पालिका परिषद व राजा शाही के विरोध में खुलकर नारेबाजी की गई।
गौरतलब है कि हिंडोरिया नगर पालिका परिषद में राजपरिवार से शकुंतला देवी अम्माजी अध्यक्ष की कुर्सी पर आसीन हैं। जिससे हिंडोरिया के नागरिक इस नगर परिषद को राजशाही अंदाज में चलाए जाने का पुरजोर विरोध कर रहे हैं। हिंडोरिया नगर परिषद क्षेत्र गौ-वंश की तस्करी के लिए कुख्यात है और रात में नगर परिषद के ट्रैक्टर से गौ-वंश को घाट पिपरिया क्षेत्र में छुड़वाएं जाने पर लोगों का आरोप है कि नगर परिषद द्वारा गौ-तस्करी लंबे समय से कराई जा रही थी, जिसमें सरकारी वाहन व ड्राइवर का उपयोग राजशाही दबाव में कराया जा रहा था। इसी बात को लेकर मृतक ट्रैक्टर ड्राइवर मोहन सिंह के परिजन, ग्रामीण व व्यापारी विभिन्न मांगों को लेकर लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। जिला स्तर पर एसपी सहित जनप्रतिनिधियों को ज्ञापन देने के बाद कोई कार्रवाई नहीं होने के बाद बुधवार को उग्र प्रदर्शन करते हुए मोहन के हत्यारों को सजा दो, राजशाही नहीं चलेगी, नगर परिषद मुर्दाबाद के नारे लगाए गए। नगर परिषद क्षेत्र की सभी दुकानें सुबह से दोपहर 12.३० तक बंद रही। इसके बाद दमोह तहसीलदार मनोज श्रीवास्तव को विभिन्न मांगों का ज्ञापन सौंपा गया। इस दौरान मृत ड्राइवर मोहन के पिता तखत सिंह ठाकुर, चाचा देव सिंह ठाकुर, बेटे धर्मेंद्र व हेमेंद्र के साथ परिवार के अन्य लोगों के साथ बड़ी संख्या में ग्रामीण व व्यापारी शामिल रहे।
तहसीलदार को सौंपे ज्ञापन में उल्लेख किया गया है कि इस मामले की न्यायिक जांच कराई जाए, मृतक ड्राइवर के परिजनों को आर्थिक सहायता दी जाए, साथ ही उसके परिजनों में से किसी एक को नगर परिषद में नौकरी दी जाए। 8 बिंदुओं के सौंपे ज्ञापन में नगर परिषद पर कई आरोप लगाए हैं। इस मामले को लेकर नगर में तरह-तरह की चर्चाओं के बीच लोग इस मामले की सच्चाई उजागर करने के लिए इस तरह के उग्र विरोध प्रदर्शन कर नारेबाजी कर शासन व प्रशासन का ध्यान आकर्षित कराने में लगे हुए हैं।