विधायक उमादेवी खटीक के सामने बीईओ बीएस राजपूत ने स्कूल का पक्ष रखते हुए बताया कि स्कूल जमीन का मामला आयुक्त सागर के यहां विचाराधीन है। स्कूल हाईकोर्ट जा रहा है, लेकिन विधायक ने उनकी एक नहीं सुनी और कहा कि हम जनप्रतिनिधि है हमें आम लोगों की समस्या में मदद करना है। लोगों को सड़क नहीं है परेशान हो रहे हैं, इसलिए अभी सड़क बन जाने दो जब कोर्ट का निर्णय आएगा तो बंद करा देना। इस बीच शिक्षा विभाग के लोग असहाय नजर आए। इस दौरान वह धमकी भरे अंदाज में भी बीईओ से बीच-बीच में चर्चा करती नजर आई, जिससे वह पीछे हटते नजर आए। – सड़क को क्या है पेंच, समझिए दरअसल, हटा के तीन लोगों ने मिलकर सीएम राइज स्कूल के बीच एक अवैध कॉलोनी काटकर प्लाटों का विक्रय कर दिया है। जिन प्लॉट का विक्रय किया गया है, उनमें दर्शाई गई रोड सीएम राइज की जमीन को बताकर प्लाट खरीदने वालों से धोखा किया गया। जिस पर सीएम राइज स्कूल प्रबंधन की आपत्ति के बाद वह रोड बंद कर दी गई थी। इस मामले में यहां रहने वाले एक व्यक्ति ने कमिश्नर कार्यालय में भूखंड में दर्शाई गई रोड बंद होने होने का दावा पेश किया था। जिस पर आदेश देते हुए अक्टूबर २०२३ में रास्ता खुलवा दिया गया था। इसके बाद इसी रास्ते से आवागमन हो रहा था। मामले में बीते महीनों में कलेक्टर ने हटा पहुंचकर समस्या सुनी थी। साथ ही बीईओ और एसडीएम को मामला हाईकोर्ट में लगाने कहा था, लेकिन अब तक उक्त अधिकारी मामला हाईकोर्ट लेकर नहीं गए। इसी बीच नगरपालिका सीएमओ ने ५ लाख के अंदर के काम का आधार बनाकर १०० मीटर की सड़क का काम दे दिया गया। अचानक से हुई इस मंजूरी की शिक्षा विभाग को भनक तक नहीं लगने दी और काम शुरू कर दिया। इसके बाद यह पूरा वाक्या सामने आया है। जबकि इस रोड के बनने और शुरू होने से सीधा का लाभ कॉलोनाइजर का हो रहा है।