डूंगरपुर. प्रदेश के दक्षिणांचल में स्थित डूंगरपुर जिले की लाइफ लाइन बनता जा रहा रेलवे स्टेशन पर यात्रियों को और अधिक सुविधाएं मिलेगी। पर्यटकों को लुभाने के लिए डूंगरपुर रेलवे स्टेशन को केन्द्र सरकार ने अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत देश के 500 रेलवे स्टेशन में शामिल किया है। इसका कार्य डूंगरपुर रेलवे स्टेशन पर युद्ध स्तर पर शुरू हो गया है। जल्द ही कार्य पूर्ण होते ही हमारा डूंगरपुर रेलवे स्टेशन हेरिटेज लुक में नजर आएगा। साथ ही यात्रियों को यहां महानगरीय रेलवे स्टेशन पर मिलने वाली सुविधाएं भी उपलब्ध होंगी
यह है योजना
केन्द्र सरकार ने अमृत भारत स्टेशन योजना लॉच की है। इसके तहतदेश के 500 से अधिक स्टेशनों को चिन्हित कर वहां विभिन्न विकास कार्य किए जाना तय किया है। इसका हाल ही एक सितम्बर को ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शिलान्यास किया था। इसमें डूंगरपुर का स्टेशन को भी लिया है। मण्डल रेल प्रबंधक राजीव धनखड़ के निर्देशन में डूंगरपुर रेलवे स्टेशन के कायाकल्प का कार्य भी शुरू हो गया है। रेलवे निर्माण शाखा ने स्टेशन बिल्डिंग की डिजाइन फाइनल कर दी गई है तथा विभिन्न कार्यों के लिए निविदाएं होने के उपरांत श्रमिकों ने कार्य शुरू कर दिया है। फिलहाल प्लेटफॉर्म नंबर एक पर प्लेटफॉर्म शेल्टर का कार्य चल रहा है। इसके अंतर्गत प्लेटफॉर्म शेल्टर लगाए जाने वाले स्थान की फ्लोरिंग को हटा कर कोटा स्टोन लगा कर शेड बनाया जाएगा।
इतना है बजट
योजना के तहत डूंगरपुर स्टेशन पर 18.43 करोड़ रुपए की लागत से कार्य होंगे। इसमें अलग-अलग प्रवेश और निकास द्वार के साथ सर्कुलेटिंग क्षेत्र का विकास, ऑटो, दोपहिया और चार पहिया वाहनों के लिए अलग-अलग पार्किंग, प्रवेश कक्ष, कोच इंडिकेशन बोर्ड, पुरुषों और महिलाओं के लिए अलग शौचालय के साथ बेहतर सुविधायुक्त प्रतीक्षा कक्ष, नया वीआईपी कक्ष, नया बुकिंग कार्यालय, संपूर्ण स्टेशन भवन के आंतरिक भाग का सुधार, स्टेशन भवन के अग्रभाग का सुधार, अतिरिक्त प्लेटफार्म शेल्टर, दिव्यांगजनों के लिए सुविधाओं के साथ नए शौचालय ब्लॉक और पानी बूथ, बेहतर साइनेज, बेहतर फर्नीचर, 12 मीटर चौड़ा फुटओवर ब्रिज और लिफ्ट की स्थापना जैसे कार्य किए जाएंगे।
फिलहाल यह आती है दिक्कत
डूंगरपुर रेलवे स्टेशन पर फिलहाल टे्रन के प्लेटफॉर्म पर आते ही यात्रियों की दौड़ शुरू हो जाती है। रेलवे स्टेशन पर कोच इंडिकेशन बोर्ड नहीं लगा हुआ है। ऐसे में अनभिज्ञता के चलते टे्रन आते ही यात्री अपना डिब्बा देखने के लिए दौड़ते हैं। डूंगरपुर में ट्रेन बमुश्किल पांच से दस मिनट अधिकतम खड़ी रहती हैं। ऐसे में कई बार यात्रियों को रवाना हो गई बसों में सामान लाद कर चलती टे्रन में जान जोखिम में डाल कर चढऩा पड़ता है।