जयपुर। महाराणा प्रताप ऑडिटोरियम रविवार की शाम बॉलीवुड गीतों के चर्चित कार्यक्रम ‘एक शाम सुर से सुकून के नाम’ में गूंजे दिलकश तरानों से जीवंत रहा। मौका था इस कार्यक्रम सातवें सीजन का। कार्यक्रम का महत्व इसलिए और भी बढ़ गया क्योंकि इसके म्यूजिक अरेंजमेंट का जिम्मा बॉलीवुड के म्यूजिक डायरेक्टर अमर मकवाना और जयपुर के जेके पंवार ने संभाला। अमर मकवाना ने फिल्म जिंदगी तेरे नाम में बैकग्राउन्ड म्यूजिक और कॉट बिटवीन कलर्स फिल्म में म्यूजिक डायरेक्शन कर अपनी पहचान कायम की है। उनके साथ बॉलीवुड के मशहूर वॉयलिन वादक संजीव राव सहित 7 नामी संगतकारों ने विभिन्न वाद्यों पर कलाकारों की संगत कर गीतों को दिलकश बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
कर्यक्रम की शुरुआत केपी सक्सेना ने मोहम्मद रफी के गाए गीत’ रंग और नूर की बारात किसे पेश करूं’ से की इसके बाद अर्पित कल्ला ने फिल्म अग्निपथ में सोनू निगम का गाया चर्चित गीत अ’भी मुझमें कहीं बाकी है थोड़ी’गीत पेश कर माहौल को रूमानी बना दिया। कार्यक्रम की अगली पायदान पर आए डॉ. जितेन्द्र सिंह मक्कड़ ने’इक हंसी शाम को दिल मेरा खो गया ‘, जे के पंवार ने ‘ये रात ये चांदनी फिर कहां,’ धर्मेन्द्र छाबड़ा ने ‘जब भी ये दिल उदास होता है’ और ‘दिल के झरोखे में तुझको बिठाकर’ जैसे गीतों को अपनी पुरसुकून आवाज में पिरोकर वहां मौजूद सैकड़ों लोगों का दिल जीत लिया। सुरीले महौल को आगे बढ़ाते हुए गीतिका चतुर्वेदी ने यही वो जगह है जहां पे कभी हम मिले थे, नीलम शर्मा ने अजी रूठकर अब कहां जाईएगा, डॉ.वर्षा तनु ने रहें ना रहे हम महका करेंगे, नूपुर शर्मा ने ‘बाबू जी धीरे चलना,”यार में जरा संभलना’, प्रदेश की आयकर आयुक्त रोली अग्रवाल ने ‘सईयां दिल में आना रे आके फिर ना जाना रे’, हिमांगी छाबड़ा ने ‘मुझको हुई ना खबर’ और हर्षवर्धन ने ‘जग घूमिया थारे जैसा ना कोई’ गीतों की सुरीली अदायगी से संगीत प्रेमियों को सुकून की अनुभूति करवाई।
कार्यक्रम में केपी सक्सेना व नूपुर शर्मा,धर्मेन्द्र छाबड़ा व गीतिका चतुर्वेदी, जे के पंवार व नीलम शर्मा, मंजू शर्मा व जितेन्द्र मक्कड़ और वर्षा तनु व धर्मेन्द्र छाबड़ा के गाए युगल गीत भी सुनते व देखते ही बनते थे।