दुनियाभर के प्रवासी पक्षियों को हर साल लुभाने वाला आगरा का सूर सरोवर पक्षी विहार जल्द ही अंतरराष्ट्रीय नक्शे पर नजर आने वाला है। कीठम स्थित 800 हेक्टेयर के जंगल में फैले सूर सरोवर पक्षी विहार को राज्य सरकार अब पक्षी विहार के रूप में विकसित करने की योजना बना रही है। प्रदेश सरकार की ओर से इस दिशा में काम शुरू किया जा चुका है। इसके साथ ही सरकार इसे रामसर साइट का दर्जा दिलवाने के लिए भी प्रयासरत है।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मिलेगी पहचान
सूर सरोवर पक्षी विहार को रामसर साइट का दर्जा दिलाने के लिए पर्यावरण मंत्रालय ने ऑफलाइन और ऑनलाइन ब्यौरा रामसर कन्वेंशन, स्विटजरलैंड को भेजा है। राष्ट्रीय चंबल सेंचुरी क्षेत्र प्रोजेक्ट के डीएफओ आनंद कुमार के मुताबिक रामसर साइट के दर्जे के बाद पक्षी विहार की पहचान न केवल अंतरराष्ट्रीय हो जाएगी, बल्कि दुनियाभर के पक्षी प्रेमी और शोधार्थी शोध के लिए आएंगे। आपको बता दें कि देश में 13 पक्षी विहार हैं, जिनमें से राष्ट्रीय चंबल सेंचुरी प्रोजेक्ट क्षेत्र में तीन पक्षी विहार आते हैं। आगरा में कीठम का सूर सरोवर पक्षी विहार, मैनपुरी का समान पक्षी विहार और एटा का पटना पक्षी विहार। प्रदेश सरकार ने रामसर साइट के दर्जे के आवेदन इन पक्षी विहारों से मांगे थे, जिनमें चंबल सेंचुरी प्रोजेक्ट क्षेत्र से तीनों नाम भेजे गए।
हर साल होगा बर्ड फेस्टिवल का आयोजन
भारत का वन सर्वेक्षण द्वारा हाल में जारी रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश में वन आवरण 6.7 प्रतिशत से बढ़कर 9.12 प्रतिशत हो गया है लेकिन भूमिगत जलस्तर के नीचे जाने के कारण वनस्पति और जीव प्रभावित हो रहे हैं। एेसे में उत्तर प्रदेश सरकार जल और झीलों के संरक्षण की योजना पर काम कर रही है। सरकार ने अधिकारियों को तालाबों और झीलों का ध्यान रखने का निर्देश दिया गया है और इसी को ध्यान में रखते हुए सूर सरोवर बर्ड सैंचुरी को विकसित करने के लिए हरसंभव प्रयास किया जाएगा। सरकार ने बर्ड फेस्टिवल का आयोजन कर पक्षी, जानवरों और उनके आवास को सुरक्षित रखने का भी निर्णय लिया है। आपको बता दें कि देश के 10 में से छह रामसर स्थल उत्तर प्रदेश में हैं। रामसर स्थल, वेटलैंड स्थल है, जिसे रामसर कॉन्वेंशन के तहत अंतर्राष्ट्रीय महत्व दिया गया है।
क्या है रामसर वेटलैंड साइट ?
ईरान के शहर रामसर में 1971 में वेटलैंड पर सम्मेलन किया गया। रामसर कन्वेंशन में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता देने से पहले वाइल्ड लाइफ, ईको सिस्टम समेत कई मानकों की जांच की जाती है। 160 देशों ने रामसर कन्वेंशन स्वीकार किया है। देश में 27 और उत्तर प्रदेश में केवल एक रामसर साइट है। ऊपरी गंगा का बृजघाट से नरौरा तक का 26 हजार 270 हेक्टेयर हिस्सा रामसर साइट में दर्ज है। रामसर साइट में दर्ज होने से वेटलैंड को मिलने वाले बजट और अंतरराष्ट्रीय सहयोग में भी बढ़ोतरी होती है।
नजर आती है प्रवासी परिंदों की जुगलबंदी
सूर सरोवर पक्षी विहार में फ्लैमिंगो, पेलिकन, बार हेडेड गूज, शॉवलर, स्पून बिल, कूट, रेड क्रेस्टेड पोचार्ड, ग्रेट क्रेस्टेड ग्रेब, ब्लैक टेल्ड गोविट, कॉमन ग्रीन शेंक, ग्रे लेग गूज, नार्दन पिनटेल, कॉमन सैंडपाइपर, कारमोरेंट, स्पॉट बिल्ड डक, कांबो डक, व्हिसलिंग टील, ब्लैक नेक्ड स्टॉर्क की चहचहाहट सुनाई देती है। अक्टूबर से लेकर मार्च तक यहां बड़ी संख्या में पेलिकन और कारमोरेंट उड़ान भरते नजर आते हैं।