जयपुर। सुप्रीम कोर्ट ने बजरी खनन पर रोक लगा रखी है। इसके बाद भी अवैध बजरी खनन हो रहा है। बजरी माफिया पुलिस और खनन विभाग से बचने के लिए कालोनियों और गलियों से गुजर रहे हैं। बजरी माफिया के हौसले इतने बुलंद हो गए हैं कि अब रोकने वालों को मारा जा रहा है।
65 साल के किशोर सिंह ने शायद यह गलती की कि उन्होंने अपने और कॉलोनी के बच्चों को हादसे से बचाने की कोशिश की। किशोर सिंह ने कॉलोनी से गुजरने वाले अवैध बजरी से भरे वाहनों को रास्ता बदलने के लिए कहा था, ताकि कालोनी में किसी के साथ कोई हादसा नहीं हो। इसी टोका-टाकी से नाराज होकर किशोर सिंह को डंपर से कुचल दिया।
किशोर सिंह की हत्या के बाद से लोगों में डर भी है और आक्रोश भी है। जयपुर शहर का यह मामला नया नहीं है। प्रदेश भर की बात की जाए तो गुजरे तीन साल के दौरान बजरी से भरे वाहनों ने पंद्रह से ज्यादा लोगों की जान ले ली है। लोग पुलिस के पास बचाव के लिए जाते हैं तो पता लगता है कि पुलिस इनके सामने लाचार है। गुजरे तीन साल के दौरान पुलिस और बजरी माफिया में गठजोड़ के भी सात मामले सामने आ चुके हैं।