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Watch Video: अंहकार ही अंधकार का मार्ग : संत तारा देवी

जैसलमेर. श्रीमद भागवत कथा के छठे दिन कथा वाचन में संत तारा देवी ने कहा कि मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु अहंकार है, जब मनुष्य के मन में अहंकार का भाव पैदा होता है तब वह अपना समस्त जीवन का सर्वनाश कर देता है।

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जैसलमेर. श्रीमद भागवत कथा के छठे दिन कथा वाचन में संत तारा देवी ने कहा कि मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु अहंकार है, जब मनुष्य के मन में अहंकार का भाव पैदा होता है तब वह अपना समस्त जीवन का सर्वनाश कर देता है। संत ने कहा कि रावण, कंस एवं कई ऐसे असुर थे जिन्होंने अंहकार के मद में अपना विनाश करवाया। मीडिया प्रभारी प्रमोद जगाणी ने बताया कि रविवार को कथा के छठे दिन भागवत कथा का मुख्य आकर्षक श्रीकृष्ण लीला, रूखमणी विवाह, पुष्प होली प्रसंग की कथा सुनाई गई। रूखमणी विवाह में पाण्डाल में उपस्थित श्रृद्धालु झूमने लगे। कृष्ण लीला, व पुष्प होली में श्रृद्धालुओं ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया। संत ने बताया कि भागवत कथा चल रही हो तब सुन्दरकांड का भी महत्व है, इसी को ध्यान रखते हुए शनिवार रात्रि को सुन्दरकांड पाठ का आयोजन किया गया। जिसमें विजय बिस्सा, शिव कुमार आचार्य, भरत व्यास, महेश केवलिया, कैलाश बिस्सा, रिया शर्मा, मधुसूदन शर्मा व कई धर्म प्रेमियों ने हिस्सा लिया। रविवार को स्वागतकर्ताओं में राजस्थान ब्राह्मण महासभा महिला प्रकोष्ठ की गंगादेवी व्यास, प्रेमलता दाधीच, सुमन शर्मा, वंदना जगाणी, कृष्णा केवलिया, दुर्गा व्यास, समाजसेवी महेन्द्र व्यास, गोवर्धनदत्त थानवी, सरदार मल भोजक, रामचंद्र लखारा आदि शामिल थे।