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Video: जैसलमेर वार म्यूजियम: वीरता का स्वर्ण अध्याय

धोरों की गोद में बसी स्वर्णनगरी में स्थित वार म्यूजियम ने महज नौ वर्षों में देश-दुनिया में अलग पहचान बनाई है।

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धोरों की गोद में बसी स्वर्णनगरी में स्थित वार म्यूजियम ने महज नौ वर्षों में देश-दुनिया में अलग पहचान बनाई है। जैसलमेर-जोधपुर मार्ग पर सैन्य क्षेत्र में स्थापित यह संग्रहालय अब पर्यटन मानचित्र पर प्रमुख स्थान पा चुका है। देसी-विदेशी पर्यटक यहां आकर भारतीय सेना की गौरवमयी गाथाओं से रूबरू होते हैं। पर्यटन सीजन में यह स्थल हजारों सैलानियों से गुलजार रहता है। वर्ष 2016 में ट्रिप एडवाइजर ने पर्यटकों की प्रतिक्रियाओं के आधार पर इसे एशिया के 25 सर्वश्रेष्ठ संग्रहालयों में स्थान प्रदान किया था।
मुख्यालय से 10 किलोमीटर दूर स्थित इस संग्रहालय में 1965 और 1971 के भारत-पाक युद्ध की झलकियां सजी हैं। लोंगेवाला हॉल और इंडियन आर्मी हॉल में युद्ध से जुड़े दस्तावेज, हथियार और विजयी टैंक प्रदर्शित हैं। पाकिस्तान से युद्ध में प्राप्त शेरमन, टी-59, विजयंत और टी-55 टैंक, रिकवरी व्हीकल और हंटर विमान यहां प्रमुख आकर्षण हैं।
संग्रहालय में बना छोटा सिनेमा हॉल चलचित्रों के माध्यम से युद्ध की कहानियों को जीवंत करता है। मेजर कुलदीप सिंह चांदपुरी की प्रस्तुति लोंगेवाला युद्ध की परिस्थितियों का विस्तृत चित्रण करती है।