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उन्नाव गैंगरेप पीड़िता के पिता का हुआ अंतिम संस्कार, परिवार ने रो-रोकर दिया बड़ा बयान

डॉक्टरों की टीम ने मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में मृतक के शव का पोस्टमार्टम किया, जिसमें आंत फटने और अंदरूनी चोट के चलते मौत का कारण बताया गया है।

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विनोद निगम.
कानपुर। बांगरमऊ विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक कुलदीप सेंगर के साथ ही पुलिस-प्रशासन की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। डॉक्टरों की टीम ने मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में मृतक के शव का पोस्टमार्टम किया, जिसमें आंत फटने और अंदरूनी चोट के चलते मौत का कारण बताया गया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हत्या होना साफ होने के बाद पुलिस ने विधायक कुलदीप सिंह के भाई अतुल सिंह उर्फ जयदीप सिंह को तड़के कानपुर से गिरफ्तार कर लिया। फिलहाल पुलिस ने उसको गुप्त ठिकाने पर रखा है। वहीं मंगलवार को गंगा घाट पर दुष्कर्म पीड़िता के पिता का अंतिम संस्कार कड़े पहरे में किया गया। बेटे के अंतिम संस्कार के दौरान घाट पर उनकी बुजुर्ग मां भी थीं। जिनकी हालत बदहवास सी हो गई। वहीं घाट से पहले ही दुष्कर्म पीड़िता किशोरी को महिला पुलिस कर्मियों ने संभाला। पीड़िता ने कहा कि विधायक ने पहले मुझे बर्बाद किया, फिर सत्ता की हनक के बल पर पिता को मौत के घाट उतार दिया। यदि योगी सरकार विधायक के खिलाफ एफआईआर नहीं दर्ज करती तो पूरा परिवार दिल्ली के जंतर-मंतर मैदान में अनशन पर बैठ जाएगा।

क्या है पूरा मामला-
4 जून 2017 को माखी थाना क्षेत्र के गांव से 17 साल की किशोरी को गांव के ही शुभम और उसका साथी कानपुर जिले के चौबेपुर निवासी अवधेश तिवारी अगवा कर ले गए। करीब आठ महीने बाद किशोरी मिली तो उसने आपबीती बताई। पीड़िता की मां ने माखी थाने में तहरीर दी। इसमें विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर पड़ोस की एक महिला के जरिए बहाने से घर बुलाकर रेप करने और इसके बाद उसके गुर्गों द्वारा गैंगरेप करने का आरोप लगाया। पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज नहीं की। बांगरमऊ विधान सभा सीट से भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर दुष्कर्म और पुलिस पर एफआईआर दर्ज न करने का आरोप लगाकर बीते रविवार को लखनऊ में मुख्यमंत्री आवास के सामने आत्मदाह की कोशिश करने वाली किशोरी के जेल में बंद पिता की सोमवार तड़के संदिग्ध स्थितियों में मौत हो गई। मृतक की पत्नी आशा सिंह व अन्य परिजन पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे और विधायक कुलदीप सिंह सेंगर, विधायक के छोटे भाई अतुल सिंह और एक ब्लॉक प्रमुख पर जेल में मारपीट के बीच हत्या कराने का आरोप लगाया। पुलिस ने पीड़ित पक्ष की नहीं सुनी। लेकिन मामला बढ़ता देख पुलिस-प्रशासन को पोस्टमार्टम करवाना पड़ा।

दबाव के बाद हुआ पोस्टमार्टम-
मामला बढ़ता देख पुलिस ने पीड़िता के पिता के शव का देर रात मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में पोस्टमार्टम करवाया। रिपोर्ट में आंत फटना और शरीर में चोट के निशान पाए गए हैं। इसी के बाद माखी गांव के लोग सड़क पर उतर आए और विधायक की गिरफ्तारी की मांग करने लगे। पुलिस-प्रशासन ने कड़ी मशक्कत के बाद लोगों को शांत कराया।

पीड़िता के पिता का हुआ अंतिम संस्कार-

दुष्कर्म पीड़िता के पिता पप्पू सिंह के शव का सुबह गंगाघाट कोतवाली क्षेत्र के मिश्रा कॉलोनी श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार किया गया। भाई महेश सिंह ने मुखाग्नि दी। एडीएम व एएसपी समेत कई थाना की फोर्स की मौजूदगी में अंतिम संस्कार कियगया। इस मौके पर मृतक के भाई महेश ने कहा कहा कि योगी सरकार अपने विधायक को बचाना चाहती है। जबकि भतीजी से गैंगरेप से लेकर भाई की मौत में सीधा विधायक का हाथ है। मृतक के भाई महेश सिंह ने आगे कहा अगर मेरे भाई की मौत के मामले में विधायक कुलदीप सिंह सेंगर और उनके सहयोगियों की गिरफ्तारी ना हुई तो वह लोग नई दिल्ली के जंतर मंतर पर धरना देने के साथ ही भूख हड़ताल भी करेंगे। हम इस मामले में सीबीआई जांच की मांग भी करेंगे। हमको जिला प्रशासन तथा प्रदेश सरकार से न्याय नहीं मिल पा रहा है।

इस तरह से पुलिस ने खेला खेल-
माखी निवासी सुरेंद्र सिंह उर्फ पप्पू सिंह की चार अप्रैल की शाम को गांव के ही टिंकू सिंह से कहासुनी हुई थी। टिंकू सिंह ने अपने तीन और साथियों के साथ मिलकर पप्पू सिंह की पिटाई कर दी और उसको पुलिस को सौंप दिया था। उनका आरोप था कि पप्पू सिंह तमंचा लेकर गाली-गलौज कर रहा था। माखी थाने की पुलिस ने पप्पू सिंह को इलाज के लिए जिला अस्पताल पहुंचाया। यहां पर पप्पू सिंह ने आरोप लगाया था कि विधायक के भाई अतुल सिंह ने अपने साथियों के साथ मिलकर उसकी पिटाई की। जिला अस्पताल में इलाज करने के बाद डॉक्टरों ने पप्पू सिंह को पुलिस को सौंप दिया। छह अप्रैल को पप्पू सिंह को जेल भेज दिया गया। रविवार की शाम अचानक पप्पू सिंह की तबियत बिगड़ गई। रात नौ बजे उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर को जेल पुलिस की ओर से बताया गया कि पप्पू के पेट में दर्द है और उसे उल्टी हो रही है। डॉक्टरों ने उसका इलाज किया। सोमवार को सुबह 3ः40 बजे पप्पू की मौत हो गई। मौत की खबर मिलते ही पीड़ित परिवार में कोहराम मच गया और पुलिस महकमा सकते में आ गया।

विधायक को बचा रही योगी सरकार-
मृतक के भाई ने कहा कि भाजपा विधायक व उसके भाई को पुलिस पहले दिन से बचाने में लगी थी। बड़ी मुश्किल में पुलिस ने पोस्टमार्टम कराया और जांच में मौत का कारण आने के बाद विधायक के भाई को पकड़ लिया, पर उसे कहां रखा गया है, इसकी जानकारी किसी को नहीं दी गई। विधायक ने पहले हमारी भतीजी के साथ गैंगरेप किया और फिर जेल के अंदर भाई को मौत के घाट उतार दिया। चुनाव के वक्त पीएम मोदी पूर्व की सपा सरकार पर गुडों की पार्टी कहते थे, लेकिन भाजपा में सबसे ज्यादा अपराधी विधायक व मंत्री बने बैठे हैं। दो दिन के अंदर विधायक की गिरफ्तारी नहीं हुई तो पूरा परिवार दिल्ली के जंतर-मंतर मैदान में भूख हड़ताल पर बैठ जाएगा। अगर सीएम योगी सच में न्याय दिलाना चाहते हैं तो उन्हें विधायक को तत्काल अरेस्ट कराए जाने का आदेश दें।