हिण्डौनसिटी. शहर के जिला स्तरीय अस्पताल में एक बार फिर रक्त का टोटा हो गया है। रक्त संग्रहण केन्द्र रिजर्व मोड़ की सीमा से नीचे पहुंच गया है। ऐसे में तीन दिन से सामान्य रोगियों के लिए रक्त जारी नहीं किया जा रहा है। आपात स्थिति लिए रक्त संग्रहण केन्द्र में 5 यूनिट रक्त आरक्षित किया गया है। ऐसे में एनीमिया ग्रस्त रोगियों को निजी क्षेत्र की ब्लड बैंकों और सम्बद्ध अस्पतालों में जाना पड़ रहा है।
जिला चिकित्सालय के रक्त संग्रहण केंद्र में 25 फरवरी को जयपुरिया अस्पताल की मदर ब्लड बैंक से 30 यूनिट की आपूर्ति हुई थी। ब्लड बैंक शुरू नहीं होने से बिना रक्तदान के ही रोगियों को उपलब्ध कराने एक माह पहले ही रक्त खप गया। ऐसे 16 मार्च को दो रोगियों को रक्त देने के बाद तीन दिन से रक्त जारी नहीं हुआ है। चिकित्सकों ने रक्त संग्रहण केंद्र में उपलब्ध प्रमुख तीन ग्रुप की कुल 5 यूनिटों को ऑपरेशन व अन्य आपात स्थिति के लिए आरक्षित करवा लिया है। रक्त संग्रहण केंद्र में मंगलवार को बी और ओ ग्रुप की 2-2 व ए ग्रुप की एक यूनिट की उपलब्धता थी।
मदर ब्लड बैंक से सहारे रक्त संग्रहण केंद्र
जिला चिकित्सालय में दो वर्ष पहले ब्लड बैंक स्वीकृत हो चुकी है, लेकिन वर्ष 2009 से रक्त संग्रहण केन्द्र मदर ब्लड बैंकों के सहारे संचालित है। यहां करौली व जयपुरिया अस्पताल की ब्लड बैंक से रक्तकी आपूर्ति होती है।
करौली भेजा मांग-पत्र-
चिकित्सालय सूत्रों के अनुसार रक्त संग्रहण केन्द्र में चंद यूनिट शेष रहने पर 16 मार्च को करौली ब्लड बैंक को मांग पत्र भेजा गया। इसमें ए, बी और ओ ग्रुप 10-10 यूनिट व 2 यूनिट एबी ग्रुप का मांगा गया है। गत दिवस करौली में रक्तदान शिविर में 45 यूनिट रक्त संकलित होने से इस बार आपूर्ति मिलने की उम्मीद है।
इनका कहना है
रक्त संग्रहण केन्द्र में आपात स्थिति के लिए 5 यूनिट रक्त रिजर्व किया हुआ है। रक्त की आपूर्ति के लिए करौली मदर ब्लड बैंक को मांग पत्र भेजा है।
पुष्पेंद्र कुमार गुप्ता, पीएमओ
जिला चिकित्सालय, हिण्डौनसिटी।