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हिण्डौनसिटी. शहर की शिवकॉलोनी निवासी नीलेश गोयल ने सिविल सेवा परीक्षा में सामान्य वर्ग में 77 वी रैंक हासिल की है। नीलेश ने भारत हैवी इलैक्टिकल्स लिमिटेड में बतौर इंजीनियर जॉब करते हुए दूसरे प्रयास में यूपीएससी कै्रक कर आईएएस बनने का सपने को साकार कर दिया है।
यूपीएससी की ओर परिणाम घोषणा के बाद से शिवकॉलोनी स्थित नीलेश के घर पर खुशियों का माहौल है। देर रात सफलता के सेहरा के साथ दिल्ली से घर लौटे नीलेश को बधाई देने के लिए लोगों का तांता लग गया। नीलेश ने बताया कि वह वर्तमान में तेलंगाना में भारत सरकार की कम्पनी भेल में इंजीनियर है। वहां जॉब करते हुए उन्होंने 2023 में यूपीएससी परीक्षा में बैठे, लेकिन पहले सोपान पर ही सफलता नहीं मिली, यानी प्री क्लीयर नहीं हुआ। ऐसे में उन्होंने दृष्टता से कार्ययोजना तय की और सेल्फ स्टेडी व ऑनलाइन गाइडेंस से अगले ही वर्ष प्री, मैन्स और अब साक्षात्कार में सफलता प्राप्त कर यूपीएसएसी 2024 को क्रैक कर दिया। नीलेश का कहना था परीक्षा में चयन होने का तो विश्वास था, लेकिन अंडर 100 यानी 77 वी रैंक आएंगी इसका अंदाजा नहीं था। नीलेश ने बताया कि कक्षा 10 तक उनकी शिक्षा हिण्डौन में हुई। उच्चमाध्यमिक और इंजीनियरिंग के लिए दो वर्ष कोटा में पढ़ाई की। 2018 में एमएनआईटी जयपुर से मैकेनिकल में बी.टैक की डिग्री की बाद में भेल में इंजीनियर के जॉब में चयनित हो गए। मूूलत: गांव सनेट के निवास नीलेश तीन भाई- बहनों में मझले हैं। बड़ी बहन गुंजन अग्रवाल व छोटा भाई चेतन गोयल सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं। पिता वेद प्रकाश गोयल पत्थर व्यवसासी व मां मंजू गोयल गृहिणी हैं। नीलेश का कहना है कि आईएएस बनने के बाद उनकी प्राथमिकता महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देना और सरकारी योजनाओं को वास्तविक लाभार्थियों तक पहुंचाने की रहेगी।
अखबार पढि़ए अपडेट रहोगे-
यूपीएससी में 77 वी रैंक धारक नीलेश गोयल का कहना है सफलता के लिए दृढ़ इच्छा शक्ति से पढ़ाई जरुरी है। लेकिन देश-दुनिया में क्या हो रहा है, इसके लिए अखबार पढऩा चाहिए । अखबार ही करंट अफेयर्स से अपडेट रखता है। तैयारी की लिए स्टेडी मैटेरियल का अम्बार लगाने की बजाय एनसीआइटी बुक्स, स्टेण्डर्ड किताबें पढऩी चाहिए। नीलेश ने बताया कि इंजीनियरिंग की पढ़ाई छोड़े लम्बा समय होने से मैन्स परीक्षा में स्कोरिंग सब्जेक्ट के लिहाज से वैकल्पिक विषय के रूप में समाज शास्त्र को चुना था। और सफलता भी मिल गई।