बालमीक पांडेय @ कटनी. प्रदेश के कई जिलों में इस साल ‘जल का जलजला’ रहा। अतिवर्षा के चलते फसलों को अत्यधिक मात्रा में नुकसान हुआ। नुकसान के कारण प्रदेशभर के किसान हताश और निराश हैं। किसानों द्वारा आत्मघाती कदम भी उठाए गए। ऐसे में जरूरी है कि मुश्किल परिस्थितियों में ऐसे किसान से प्रेरणा लें जो हर विषम परिस्थिति में अपने आप को संभाल कर रखा और खेती में मिसाल बन रहे हैं। कटनी जिले के एक किसान ने मजदूरी के साथ सब्जियों की खेती कर न केवल अपने लिए कृषि को फायदे का सौदा बना लिया है बल्कि सैकड़ों किसानों को कुछ अलग हटकर सब्जियों का उत्पादन करने के लिए प्रेरित करने का काम शुरू किया है। हम बात कर रहे है कैमोर निवासी कृषक पंकज पिढिय़ा की। क्षेत्र के विकाखंड मुख्यालय विजयराघवगढ़ नदीपार स्थिति पैत्रक जमीन में शिमला मिर्च का उत्पादन कर खेती को अपने लिए फायदे का सौदा बना लिया है। किसान शिमला मिर्च की अपनी फसल को सीधे खेत से सप्लाई करना शुरू कर दिया है। किसान ने नाजुक फसल को ऐसे समय में बचाया है जब पूरे प्रदेश में पानी ही पानी रहा। खास बात यह है कि फसल किसान के लिए नोट उगलने वाली एटीएम मशीन से कम नही है। अब किसान को बड़ी मात्रा में उत्पादन मिलने लगा है। थोक के भाव में किसान को सीधे 60 से 70 रुपये प्रतिकिलोग्राम के मान से मिर्च बाजार में बिकने लगी है। इससे किसानों का लाखों रुपये का मुनाफा मिलेगा।
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नौकरी के बाद बिताते हैं खेत में समय
कृषक पंकज पिढिय़ा ने देखा कि कई किसान छोटी-छोटी जमीनों में पॉली हाऊस, नेट हाऊस सहित अन्य उन्नत तकनीक के माध्यम से उद्यानिकी में हाथ आजमाकर खेती को लाभ का धंधा बना रहे हैं। पत्रिका में प्रकाशित एग्रो खबरों को बड़ी बारीकी से पढ़ते और फिर उस क्षेत्र में आगे बढऩे की ठानी। कुछ पॉली हाऊस का जाकर निरीक्षण किया। तरकीब को जाना और फिर पॉली हाऊस तैयार करने वाली कंपनी से संपर्क कर सवा एकड़ खेत में तैयार कराया। खास बात यह है कि किसान एसीसी कंपनी में मजदूरी भी करते हैं। आठ घंटे नौकरी करने के बाद शेष बचे समय को वो खेत में बिताते हैं और फसल को संवारते हैं।
35 लाख से तैयार किया है हाऊस
किसान ने बताया कि 35 लाख रुपये की लागत से पॉली हाऊस को तैयार किया है। कृषि के क्षेत्र में सकारात्मक सोच को लेकर आगे बढ़े हैं। फसल अब एकदम तैयार हो चुकी है। उत्पादन भी शुरू हो गया है। किसान की मेहनत अब रंग ला रही है। किसान ने बताया कि बारिश के सीजन में शुरुआती दौर में काफी परेशानी हुई। लेकिन मेहनत छोड़ी नहीं, लगातार तकनीक का उपयोग कर फसल को सुरक्षित किया।
इंटरनेशनल मार्केट में पास हुई मिर्च
किसान ने बताया कि जैसे ही शिमला मिर्च की फसल आई और फल उम्मीद से कहीं बेहतर आया तो उसे इंटरनेशनल मार्केट में बेचने के लिए भेजा। किसान ने बताया कि इंटरनेशनल मार्केट में यह शिमला मिर्च न सिर्फ पास हुई है बल्कि ए-ग्रेड की ग्रेडिंग मिली है। कृषक पंकज का कहना है कि जिले के किसान सब्जियों की खेती कर कमाई का एक महत्वपूर्ण जरिया बना सकते हैं। फॉस्ट फूड के कारण शिमलामिर्च की लोकप्रियता तो बाजार में लगातार बढ़ रही है।
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खास-खास:
– कटनी, जबलपुर, इंदौर, भोपाल सहित अन्य जिलों में सप्लाई शुरू हो चुकी है। बड़े-बड़े मॉल से भी अनुबंध किया है।
– पान की तरह संभाली शिमला मिर्च की फसल, पेड़ में धक्का न लगे इस बात का रखा विशेष ध्यान।
– 30 टन गोबर की खाद डालकर फसल को किया है तैयार, जैविक कीटनाशक व उर्वरकों का कर रहे उपयोग।
– 200 से 250 ग्राम का निकल रही एक शिमला मिर्च, हिमांचल प्रदेश की तर्ज निकल रही फसल।
– किसान पंकज क्षेत्र के किसानों को भी उन्नत तकनीक की खेती के लिए कर रहे हैं प्रेरित, जिले के लिए बने मिसाल।
फास्टफूड ने बढ़ाई मांग
किसान पंकज के अनुसार शिमला मिर्च एक ऐसी सब्जी है जिसका प्रयोग आज के समय में हर फास्टफू में होता है। जिले के किसानों ने शिमला मिर्च की बढ़ती मांग को देखकर इसका उत्पादन शुरू कर सकते हैं। आज शिमला मिर्च को न केवल आस पास बल्कि आसपास के जिलों समेत अन्य राज्यों में भी भेज सकते हैं। शिमला मिर्च का उत्पादन करने वाले किसान अब इस फसल से मुनाफा कमा कर दूसरे किसानों को भी प्रेरित कर सकते हैं।