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अमृत सहेजन इस शहर में शुरू हुई खास पहल, नदी के पानी को खदानों में किया जा रहा स्टोरेज, देखें वीडियो

शहर की जीवनदायनी कटनी नदी में बने बैराज के गेटों को बंद कर दिया गया है। नदी एकदम लबालब है। ओवर फ्लो वाले पानी को सहेजने के लिए नगर निगम खदानों को माध्यम बनाया है। पानी को बड़ी-बड़ी मशीनों व पाइप लाइन के माध्यम से खदानों में स्टोरेज किया जा रहा है। जबतक पानी ओवरफ्लो रहेगा खदानों को भरने का काम किया जाएगा। इसके बाद यदि गर्मी में पेयजल की समस्या हुई तो खदानों के पानी से की सप्लाई होगी नगर निगम इस खास पहले से लोगों को बड़ी राहत मिलेगी।

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Balmeek Pandey

Nov 08, 2019

कटनी. शहरवासियों को प्रतिदिन 32 मिलियन लीटर पेयजल की आवश्यकता होती है, लेकिन नगर निगम बारिश के बाद ठंड के सीजन में भी 26 एमएलडी पानी ही मुहैया करा पा रहा है। गर्मी में पिछले एक दशक से हाहाकार की स्थिति निर्मित हो रही है। हालात इस कदर बनते हैं कि नगर निगम सिर्फ एक समय पेयजल मुहैया करा पाता है वह भी बमुश्किल 20 एमएलडी। इस विकराल समस्या से निपटने के लिए नगर निगम ने विशेष पहल शुरू की है। शहर की जीवनदायनी कटनी नदी में बने बैराज के गेटों को बंद कर दिया गया है। नदी एकदम लबालब है। ओवर फ्लो वाले पानी को सहेजने के लिए नगर निगम खदानों को माध्यम बनाया है। पानी को बड़ी-बड़ी मशीनों व पाइप लाइन के माध्यम से खदानों में स्टोरेज किया जा रहा है। जबतक पानी ओवरफ्लो रहेगा खदानों को भरने का काम किया जाएगा। इसके बाद यदि गर्मी में पेयजल की समस्या हुई तो खदानों के पानी से की सप्लाई होगी नगर निगम इस खास पहले से लोगों को बड़ी राहत मिलेगी।

 

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इन खदानों में किया जा रहा संग्रहित
शहर की लगभग एक दर्जन छोटी-बड़ी खदानों में पानी का स्टोरेज किया जा रहा है। इसमें शहर की चार बड़ी खदानें प्रमुख हैं। इसमें विश्वकर्मा माइंस, जागृति पार्क के पीछे की खदान, एसीसी खदान, कंचन खदान सहित अन्य खदानों को इस योजना में शामिल किया गया है। बता दें कि अभी खदानों में कुछ पानी है। जिनका क्षेत्रीय लोग निस्तार भी करते हैं। अब उनको लबालब कर दिया जाएगा ताकि भीषण गर्मी में लोगों को ‘अमृत’ नसीब हो सके।

 

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यह है शहर को पानी की जरुरत
शहर में दोनों समय यदि तय मानक के अनुसार पानी दिया जाए तो 35 से 40 एमएलडी पानी की जरुरत है। बहरहाल वर्तमान में नगर निगम 32 एमएलडी की जरुरत मानकर सप्लाई तो कर रहा है, लेकिन वास्तविक रूप में 26.05 मिलीयन लीटर परडे सप्लाई ही हो पा रही है। बता दें कि बैराज की क्षमता 5.25 मिनियन क्यूबिक मीटर (एमसीएम) है।

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पत्रिका ने उठाई थी आवाज
शहर में पेयजल समस्या को लेकर पत्रिका ने आवाज उठाई। पत्रिका ने 15 जुलाई के अंक में ‘खदानें भरने की नहीं व्यवस्था, बुझ सकती है शहर की प्यास’ नामक शीर्षक से खबर प्रकाशित की। इस खबर के माध्यम से बताया गया कि कैसे पानी की समस्या का समाधान हो सकता है। आयुक्त आरपी सिंह ने इस मर्म को समझा और अधिकारियों से चर्चा कर योजना बनाई और उसका सफल क्रियान्वयन शुरू हो गया है।

इनका कहना है
गर्मी में पेयजल समस्या से निजात पाने के लिए पहल शुरू की गई है। कटनी नदी में बने बैराज के गेट बंद कर दिए गए हैं। ओवर फ्लो के पानी को खदानों में स्टोरेज किया जा रहा है। लगभग एक दर्जन खदानों को भरा जाएगा।
सुधीर मिश्रा, प्रभारी अधिकारी जल प्रदाय विभाग।