बालमीक पांडेय @ कटनी. कहते हैं यदि मन में कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो फिर आप अपने काम से अपने कार्यक्षेत्र में अलग छाप छोड़ सकते हैं। ऐसा ही कुछ कर दिखाया है एरिया मैनेजर रेल railway ऑफिस में एरिया मैनेजर प्रसंन्न कुमार व उनके दो साथियों ने। एशिया के सबसे बड़े यार्ड में देश का पहला नवाचार किया है। अपने साथियों के साथ साफ्टवेयर तैयार किया है, NKJ yard Management Software जिससे न सिर्फ रेलवे को लाखों रुपये की बचत हुई है बल्कि काम कई गुना आसान हो गया है। इतना ही नहीं हर एक्टिविटी लाइव हो गई है। इस नवाचार से मैनुअली सिस्टम से छुटकारा के साथ ही सरकार की महती योजना पेपर लेस वर्किंग को बढ़ावा दिया है। पूरे सिस्टम को लाइव करने का काम किया है। एरिया मैनेजर द्वारा अपने साथी सीवायएम ओपी सिंह, दोस्त आसिफ खान की मदद से खाली समय में ‘एनकेजे यार्ड मैनेजमेंट साफ्टवेयर’ (एनवायएमएस) तैयार किया है। बता दें कि कटनी एशिया का सबसे बड़ा यार्ड है। यहां पर पांच दिशाओं के लिए गाडिय़ों का परिचालन होता है। एनकेे यार्ड में प्रतिदिन औसतन 90 से 95 गाडिय़ों का आवागमन होता है। ट्रेनों के आवागमन, लोकेशन सहित अन्य सभी जानकारी अबतक मैनुअली चल रही थी। इसमें ट्रेनों की विशेष डिटेल होती है, जिसमें इंजनों की स्थिति, इंजन कहां से आ रहा है, कहां जाएगा, कौन सी ट्रेन कहां से आ रही है, गुड्स ट्रेन को कहां लेना है, कहां पर पॉवर बदला जाएगा, कितनी गाडिय़ां अबतक आ-जा चुकी हैं आदि का चार्ट बनाया जाता था। इससे काम को हर आधे एक घंटे में अधिकारियों व मंडल कार्यालय को फोन पर नोट करानी पड़ती थी। मुख्य नियंत्रक जबलपुर को भी अवगत कराना पड़ता था।
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यार्ड एक्टिविटी तत्काल ट्रैकिंग में
खास बात यह है कि यहां पर देशभर में सबसे ज्यादा एनकेजे यार्ड में प्रतिदिन औसतन 15 से 18 इनकमिंग और आउटगोइंग ट्रेनों का एग्जामिन इलेक्ट्रिक और डीजल लोकोशेड में होता है। यहां पर इंजन रिनुअल, इंजन सुधार, बैगन बॉक्स रिपेयर का काम होता है। जबलपुर मंडल के हिसाब से एनकेजे यार्ड बेहद खास है। गुड्स ट्रेनों के मूवमेंट की जानकारी बार-बार देनी पड़ती थी।
यह होगा फायदा
इस नवाचार से रेलवे को बड़ा फायदा होगा। इसमें कम कर्मचारी लगेंगे, बार-बार कॉल रिसीव नहीं करनी पड़ेगी। कर्मचारियों के काम करने की क्षमता बढ़ेगी, रियल टाइम यार्ड का काम अपडेट होगा, समय की बचत होगी, मॉनीटरिंग करने वाले अधिकारियों को फोन पर सूचना न प्राप्त कर सीधे मोबाइल और सिस्टम पर पल-पल की स्थिति मिल सकेगी।
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आम लोगों को विशेष फायदा
मालगाडिय़ों के यार्ड और ट्रैक से परिचालन के लिए पूरा काम मैनुअली हो रहा है। अब इस सिस्टम से बगैर समय खराब किए यार्ड और जोन के लिए ट्रेन पास हो सकेंगी। इससे इसका सबसे बड़ा फायदा होगा कि जब गुड्स ट्रेनों का परिचालन ठीक होने से यात्री ट्रेनें प्रभावित नहीं होंगी। कटनी से पांचों दिशाओं के लिए जाने वाली यात्री ट्रेनें भी बेवजह विलंब नहीं होंगी।
खास-खास:
– एस साफ्टवेयर को पूरे देश में लागू करने के लिए क्रिश एजेंसी के समक्ष पेश किया जाएगा पीपीटी।
– जीरो बजट में एरिया मैनेजर ने तैयार किया है लाखों रुपये का बनने वाला वायएमएस साफ्टवेयर।
– प्रतिदिन सैकड़ों पेपर की प्रिंट रिपोर्ट हुई बंद, ऑनलाइन मिल रही ट्रेनों की लोकेशन, हुई पेपरलेस वर्किंग।
– देशभर में साफ्टवेयर लागू करने के लिए दिल्ली में पेश होगा पीपीटी, रेलवे की क्रिश एजेंसी से भी होगा संपर्क।
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डीआरएम ने की तारीफ
पश्चिम मध्य रेलवे के डीआरएम डॉ. मनोज सिंह ने एरिया मैनेजर द्वारा किए गए इनोवेशन की तारीफ की। डीआरएम ने कहा कि उन्होंने जब सुबह पत्रिका अखबार पढ़ा और अधिकारी के इनोवेशन के बारे में जाना तो बेहद पसंद आया। उन्होंने कहा कि यह मालूम था कि इनोवेशन हुआ है, लेकिन वे इसके शुभारंभ का इंतजार कर रहे थे। इस सिस्टम से रेलवे को होने वाले फायदों को बारे में गहन अध्ययन किया जाएगा, बेहतर होने पर इसे अन्य स्थलों पर प्रयोग में लाया जाएगा। अधिकारियों के इस इनोवेशन से देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी थी खुश होंगे, क्योंकि उनका भी जोर पर्यावरण संतुलन को बनाए रखने डिजिटल और पेपरलेस वर्किंग पर है।
इनका कहना है
इंडियन रेलवे में एनकेजे यार्ड बहुत महत्वपूर्ण है। आधा सैकड़ा से अधिक गाडिय़ों का मूवमेंट, एग्जामिन की स्थिति अब फोन से बंद होगा। इससे डिजिटल वर्किंग हो जाएगी। ट्रेनों के बेहतर मूवमेंट करने, पर्यावरण संतुलन पेपरलेस वर्किंग को लेकर यह प्रयास किया है।
प्रसंन्न कुमार, एरिया मैनेजर कटनी।