31 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

कटनी

MP के इस जिले में महिला ने दिया चार बच्चों को जन्म, एक के बाद एक की मौत, सामने आई बड़ी बेपरवाही, देखें वीडियो

बरही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बरही में मंगलवार की शाम एक प्रसूता ने 4 शिशुओ को जन्म दिया। कुदरत के इस करिश्मे के बाद यहां का पूरा अस्पताल में मौजूद लोग व स्टॉफ आश्चर्य में तो रहा, लेकिन मां को परेशानी के साथ निराशा हाथ लगी। दुखद बात यह रही कि प्रिम्योचर डिलेवरी होने के कारण बच्चों का पूर्ण विकास नहीं हो पाया।

Google source verification

कटनी

image

Balmeek Pandey

Oct 30, 2019

कटनी. बरही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बरही में मंगलवार की शाम एक प्रसूता ने 4 शिशुओ को जन्म दिया। (Delivery of four children) कुदरत के इस करिश्मे के बाद यहां का पूरा अस्पताल में मौजूद लोग व स्टॉफ आश्चर्य में तो रहा, लेकिन मां को परेशानी के साथ निराशा हाथ लगी। (Woman gave birth to four children) दुखद बात यह रही कि प्रिम्योचर डिलेवरी होने के कारण बच्चों का पूर्ण विकास नहीं हो पाया। (Death of four children) प्रसव के कुछ मिनटों के बाद ही चारों नवजात शिशुओं की धड़कनें थम गईं। हालांकि प्रसूता की हालत में सुधार है। बता दें कि कटनी जिले में यह पहला मामला है जब किसी महिला ने एक साथ चार बच्चों को जन्म दिया है। जानकारी अनुसार रेखा बाई पति राजेश कोल निवासी ददरा टोला बिचपुरा को परिजनों ने दोपहर 1 बजे प्रसव पीड़ा होने पर बरही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया। लगभग 3 घंटे बाद 4 बच्चे रेखा ने एक के बाद एक चार बच्चों को जन्म दिया। जन्मे बच्चों में दो बच्चे व दो बच्चियां थीं। प्रसव के दौरान एक बच्चा व एक बच्ची जीवित रही दो बच्चे और जो जन्म हुआ वह मृत पैदा हुए थे। जो जीवित थे कुछ देर बाद मौत हो गई। वहीं इस प्रसव के बाद से स्वास्थ्य विभाग की व्यवस्थाओं की पोल खुलकर भी सामने आ गई है।

 

Video: दीपों की रोशनी से मिटा तिमिर, जगमगाया अंबर, इस जिले में धूमधाम से मनाई गई दीपावली

 

समय से पहले प्रसव
चिकित्सकों के अनुसार समय से पहले प्रसव होने के कारण बच्चों की मौत हुई है। इसमें मां को बच्चों से हाथ तो धोना पड़ा लेकिन उसकी जान बच गई यह बड़ी बात है। इस पूरे मामले में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, आशा कार्यकर्ता सहित क्षेत्र की एएनएम की बड़ी लापरवाही सामने आई है। गर्भधारण के पहले तीन माह में सोनोग्रॉफी कराना बेहद अनिवार्य होता है। इसके बाद दो सोनोग्राफी कराई जाती है, लेकिन सोनोग्रॉफी नहीं कराई गई। यदि सोनोग्रॉफी हो जाती तो बच्चों की वास्तविक स्थिति का पता चल जाता। बताया जा रहा है कि डॉ. भारती ने जांचकर सोनोग्रॉफी के लिए कहा था, लेकिन परिजनों ने ध्यान नहीं दिया। वहीं बीएमओ अमले का कहना है कि गरीब तबके की महिलाएं व उनके परिजन ध्यान नहीं देते। वे जांच आदि को लेकर कहते हैं कि उन्हें बेवजह परेशान किया जाता है।

इनका कहना है
महिला अस्पताल जांच के लिए आई है। उसे बार-बार सोनोग्राफी कराने कहा गया, लेकिन प्रसूता व परिजनों ने सोनोग्राफी ही नहीं कराई, जिससे चार बच्चे होने का पता नहीं चला। वहीं समय से पहले ही प्रसव हो गया जो मां के लिए घातक था। यह तो गनीमत है कि महिला सुरक्षित है।
डॉ. राममणि पटेल, बीएमओ बरही।