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28/11 मशाल मार्च… धर्मांतरण, लव जिहाद को लेकर कड़े कानून बनने से रुकेगा जिहाद -अश्विनी उपाध्याय

-आतंकवाद के खिलाफ जनमत संग्रह में वक्ताओं ने जगाया देशभक्ति का जोश -28/11 के शहीदों को दी श्रद्धांजलि, परिजन का हुआ सम्मान, निकाला मशाल मार्च -राष्ट्रभक्त वीर युवा मंच के आयोजन में इस बार सिर्फ 5 मशाल रही शामिल

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Manish Arora

Nov 29, 2025

शहर में 28/11 को हुए आतंकी हमले में शहीद सीताराम, अधिवक्ता संजय पाल, बैंककर्मी रविशंकर पारे को राष्ट्रभक्त वीर युवा मंच ने श्रद्धांजलि दी। बड़ाबम पर शुक्रवार रात हुए आयोजन में मुख्य वक्ता के रूप में मालेगांव ब्लॉस्ट हिंदू आतंकवाद के आरोप से दोषमुक्त समीर कुलकर्णी, विचारक गौतम खट्टर और सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय ने युवाओं में आतंकवाद के खिलाफ जोश जगाया।

उद्बोधन के पूर्व मंच पर उपस्थित मंच पर शहीद सीताराम की पत्नी ज्योति यादव, संजय पाल की पत्नी जयश्री पाल व रविशंकर पारे के परिवार का सम्मान किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता अनिल आरतानी, सुनील बंसल, ओमप्रकाश अग्रवाल, उज्जवला मुंदड़ा ने की। संचालन महेंद्र शुक्ला ने किया। मंच पर कुश पालीवाल, संकेत जोशी, महादेवगढ़ संरक्षक अशोक पालीवाल सहित संत रामदास त्यागी महाराज, अधिवक्ता संघ अध्यक्ष रवींद्र पाथरीकर सहित पूरी टीम ने वक्ताओं का सम्मान किया। उद्बोधन के बाद रात 11 बजे बड़ाबम से पांच मशाल के साथ विशाल पासी के नेतृत्व में जुलूस निकाला गया, जो तीन पुलिया होते हुए हिंगलाज द्वार महाराष्ट्र बैंक के पास समापन हुआ।

धर्मांतरण के लिए 300 योजनाएं, घर वापसी के लिए एक भी नहीं -अश्विनी उपाध्याय
हमारे देश का दुर्भाग्य है कि धर्मांतरण हो इसके लिए 300 योजनाएं चल रही है, लेकिन धर्मांतरण से घर वापसी के लिए एक भी कानून नहीं बना है। शहीदों को जिन्होंने मारा उनको फांसी हुई क्या, उनकी नागरिकता खत्म हुई क्या, उनकी प्रापर्टी जब्त हुई क्या, नहीं…। जब तक डॉक्टर बदलेंगे, बीमारी खत्म नहीं होगी, ये खत्म होगी दवा बदलने से। इसलिए हमें कानून बदलना होगा। चीन में आतंकी घटना क्यों नहीं होता, लव जिहाद क्यों नहीं होता, क्योंकि उन्होंने हमारी रामायण, गीता के वाक्यों को कानून के रूप में अपनाया।

आतंकवाद का धर्म नहीं होता, सोच बदलना होगी – गौतम खट्टर
गुरु तेग बहादुर और उनके शिष्यों ने जो बलिदान दिया वह धर्मांतरण रोकने के लिए दिया, अफसोस हम उनकी 350वीं जयंती तो मना रहे हैं, लेकिन उनके आदर्श पर नहीं चल रहे है। जो लोग कहते है कि आतंकवाद का धर्म नहीं होता तो फिर मैं कहता हूं कि आतंकियों को दफनाने की जगह कचरे के ढेर में पेट्रोल डालकर जला देना चाहिए, आतंकियों का मजहब बाहर आ जाएगा। अब ये झूठ फैला रहे है कि आतंकी पड़ा लिखा नहीं होता, तो ये जान ले कि हाल ही में जो आंतकी घटना हुई है, उसमें पड़े लिखे डॉक्टर ही थे।

कांग्रेस ने कानून को आढ़ बनाकर हिंदू आतंकवाद का नाम दिया – समीर कुलकर्णी
कानून का राज है, कानून के रक्षकों को मोहरा बनाकर कांग्रेस ने मालेगांव ब्लॉस्ट में मुस्लिम तुष्टीकरण के लिए चुन-चुनकर धर्मपरायण बेगुनाह हिंदुओं को निशाना बनाया। जो एक दूसरे को जानते भी नहीं थे, उन्हें संगठन बताकर अलग-अलग जगह से उठाकर हिंदू आतंकवाद का नाम दिया। हमारे उपर जो 17 साल मुकदमा चला और सच बाहर आया और भगवा पर से आतंकवाद का कलंक मिटा। हमें प्रलोभन दिया कि हर सुविधा मिलेंगे, संघ के लोगों का नाम बता दो, बाद में छुड़वा देंगे, लेकिन हमने नहीं माना और 17 साल यातना झेली।