खंडवा @ पत्रिका. नर्मदा के ऊपरी क्षेत्र में भारी बारिश और बांधों से छोड़े गए पानी के चलते ओंकारेश्वर बांध के सभी गेट खोले गए थे। रविवार को भी बांध के 23 गेट पूरे खुले रहे, लेकिन ऊंचाई कम कर दी गई। साथ ही पानी का फ्लो भी कम किया गया। शनिवार को 47 हजार क्यूमेक्स पानी बांध से छोड़ा जा रहा था। वहीं, रविवार को इसे कम करते हुए 26022 क्यूमेक्स कर दिया गया। बांध का जल स्तर अपनी जलभराव क्षमता 196.6 मीटर से करीब सवा मीटर 195.2 मीटर पर पहुंच गया था।
ऐसे बने बाढ़ के हालात
दरअसल इंदिरा सागर बांध में पानी डिस्चार्ज करने से पहले तवा, बरगी का पानी इंदिरा सागर बांध में डिस्चार्ज किया जा रहा था। इस बीच 24 घंटे लगातार बारिश शुरू हो गई। इससे क्षमता से अधिक दबाव बनते देख इंदिरा सागर का पानी नर्मदा में डिस्चार्ज किया गया। इस लिए बाढ़ जैसे हालात बन गए।
इंदौर संभाग में बाढ़ का कहर
इंदौर संभाग में खंडवा, खरगोन, बुरहानपुर, बड़वानी, अलीराजपुर समेत देवास जिले में बारिश और नर्मदा में ओंकारेश्वर बांध से छोड़े गए पानी से बाढ़ जैसे हालात बन गए। आनन फानन में बाढ़ राहत तहत नदियों के आस-पास निचले एरिया में रहने वाले परिवारों को एनाउंस किया गया और रेस्क्यू कर उन्हें सुरक्षित जगह पर शिफ्ट किया गया। इंदौर सभाग में 17 को क्षेत्र में बाढ़ का कहर जारी रहा।
इस लिए बने बाढ़ जैसे हालात
तवा, बरगी आदि बांधों का पानी पिछले कई दिनों से इंदिरा सागर में डिस्चार्ज किया जा रहा था। इस बीच इंदौर संभाग में चौबीस घंटे लगातार बारिश शुरू हो गई। इससे इंदिरा सागर बांध में क्षमता से अधिक पानी होने के कारण ओंकारेश्वर बांध में पानी डिस्चार्ज शुरू कर दिया। ओंकारेश्वर बांध में पानी अधिक होने पर नर्मदा नदी में डिस्चार्ज किया गया। इसके कारण नर्मदा में पानी का फ्लो बढ़ गया। एनएचडीसी के अधिकारियों का दावा है कि इसकी सूचना संबंधित जिलों को 15 सितंबर को ही दे दी गई थी। नदी में पानी 16 सितंबर की रात्रि में छोड़ा गया। लगातार बारिश के कारण बाढ़ का कहर जारी रहा।