आमाखुजरी में 250 हेक्टेयर जमीन अतिक्रमण मुक्त
डीएफओ राकेश कुमार डामोर ने बताया आमाखुजरी में 250 हेक्टेयर पर अतिक्रमण हुआ था। दूसरे दिन 80 हेक्टेयर जमीन पर कब्जा कर गड्ढे खोदे। दूसरे दिन 170 हेक्टेयर में वन विभाग ने अपना कब्जा जमा लिया है। अब सतत निगरानी रखी जाएगी। बबूल के बीज भी डलवा दिए हैं।
ड्रोन कैमरे से आसमान से रखी नजर
इस कार्रवाई में बुरहानपुर वन विभाग और पुलिस के ड्रोन की अहम भूमिका रही। दोनों ही ड्रोन आसमान से कार्रवाई के दौरान नजर रखते रहे। कहीं थोड़ी भी हलचल होती तो ड्रोन के माध्यम से अधिकारियों को पता चल जाता। इसका भी कार्रवाई के समय काफी असर देखा गया। इधर देड़तलाई रोड पर जिले के आखरी गांव बोरखेड़ा जहां से आमाखुजरी के लिए जाने का मार्ग है वहां भी पुलिस कर्मी तैनात रहे। जंगल के अंदर और बाहरी क्षेत्र में सक्रियता व समूह के साथ भ्रमण करने से भी कार्रवाई में आसानी हुई।
2019 से अतिक्रमणकारियों की बाढ़ आ गई
भिलाई खेड़ा बीट के आमाखुजरी में कक्ष क्रमांक 749 में बाहरी जिलों से आकर अतिक्रमणकारी बस गए थे। 2019 से यहां अतिक्रमण कारियों की एक तरह से बाढ़ आ गई थी। दूसरे जिलों से आकर बसे लोगों ने जंगल को काटकर नवाड़ बनाई और खेती करने लग गए। 250 हेक्टेयर में जंगल का सफाया कर दिया। वन विभाग की नींद खुलती तब तक बहुत देर हो चुकी थी। अतिक्रमणकारी आक्रामक होने के साथ ही वन अमले पर हावी हो गए थे।
रेंजर ने गांव के लोगों को दिलाया भरोसा
अतिक्रमण के खिलाफ की गई इस कार्रवाई में गुड़ी वन परिक्षेत्र के रेंजर नरेंद्र पटेल की विशेष भूमिका रही। दरअसल रेंजर पटेल अतिक्रमण को चिह्नित कर आसपास के गांव के लोगों को भरोसे में लिया। जिससे गांव के लोग भी जंगल में हो रहे अतिक्रमण के खिलाफ हो गए और कार्रवाई के समर्थन में आए।