खंडवा.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने प्रदेश में इंफ्लूएंजा सब टाइप एच3एन2 संक्रमण की आशंका जताते हुए अलर्ट जारी किया है। मेडिकल कॉलेज सह जिला अस्पताल में बुखार, सर्दी-खांसी के मरीजों की रोजाना भीड़ लग रही है। हालात ये है कि वायरल ठीक होने में 5 से 10 दिन लग रहे है। एच3एन2 संक्रमण की जिला अस्पताल में जांच भी नहीं हो रही है। जबकि स्वास्थ्य मंत्रालय की गाइड लाइन है कि संदिग्ध मरीज का स्वाब टेस्ट होना चाहिए। विभाग का तर्क है कि अब तक कोई गंभीर मरीज सामने नहीं आया है।
शनिवार को जिला अस्पताल में कुल 1325 मरीजों की ओपीडी हुई। इसमें सबसे ज्यादा मरीज सर्दी, खांसी और बुखार के थे। जनरल मेडिसिन विभाग में शनिवार कुल 325 मरीज इलाज के लिए पहुंचे, जिसमें 269 मरीज नए और 56 मरीज पुराने थे। वहीं, शिशु रोग विभाग में कुल 142 बच्चों को लेकर परिजन इलाज कराने पहुंचे। अधिकतर मरीजों को बुखार, सर्दी-खांसी और हाथ-पैर दर्द, थकान आदि के लक्षण थे। हाल ही में स्वास्थ्य विभाग ने एच3एन2 की एडवायजरी जारी कर इसके लक्षण बताए है। इन लक्षणों वाले मरीज जिला अस्पताल में पहुंच रहे है, जिन्हें डॉक्टर्स द्वारा दवाई-गोली देकर घर पर आराम करने को कहा जा रहा है।
नहीं है जांच की व्यवस्था
मेडिकल कॉलेज में वायरोलॉजी लैब भी है और पैथालॉजी लैब भी जिला अस्पताल में चल रही है। यहां ट्रू-नॉट लैब भी है, लेकिन इंफ्लूएंजा एच3एन2 के टेस्ट की कोई व्यवस्था यहां नहीं है, इंदौर में ही इसके सैंपल की जांच होती है। हालांकि जिला अस्पताल में पिछले एक सप्ताह से एच3एन2 का कोई सैंपल जांच के लिए नहीं लिया गया है।
अभी तक नहीं आया गंभीर मरीज
एच3एन2 को लेकर सतर्कता बरत रहे हैं। अभी तक कोई भी गंभीर मरीज सामने नहीं आया है। सर्दी-खांसी के हर मरीज का सैंपल नहीं लिया जा सकता। संदिग्ध मरीज आने पर उसका सैंपल लेकर जांच कराएंगे।
डॉ. योगेश शर्मा, जिला महामारी विशेषज्ञ
स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहे
सर्दी-खांसी और बुखार के साथ यदि सांस फूलना, थकान होना, लंग्स इंफेक्शन भी हो तो उसे संदिग्ध मरीज मान सकते है। यह जरूर है कि बुखार ठीक होने में समय ले रहा है, गंभीर मरीज को हम भर्ती भी कर रहे है। लोगों से आह्वान है कि स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहे और कोरोना गाइड लाइन का पालन करें। गंभीर स्थिति हो तो खुद ही कोई दवाई न ले, डॉक्टर को दिखाए।
डॉ. पंकज जैन, एमडी मेडिसिन, मेडिकल कॉलेज