जिला प्रशासन ने इस बार पीओपी की प्रतिमाओं और बड़ी प्रतिमाओं की स्थापना पर रोक लगा रखी है। कई गणेश उत्सव समितियां पूर्व में ही बड़ी प्रतिमाओं के आर्डर दे चुकी है। ऐसे में गणेश उत्सव समितियों और नवदुर्गा उत्सव समितियों के सामने परेशानी खड़ी हो गई है। सोमवार को सर्व गणेश पंडाल उत्सव समिति सदस्यों ने सांसद से मुलाकात की। सदस्यों ने कहा एक दम से रोक लगाना ठीक नहीं है, धीरे-धीरे कर इस व्यवस्था को बदला जाए। इस बार बड़ी प्रतिमाओं की स्थापना करने की अनुमति दी जाए।
मंगलवार दोपहर को कलेक्ट्रेट पहुंचकर सर्व गणेश उत्सव समितियों ने सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल से चर्चा की। सांसद ने कहा कि पीओपी की प्रतिमाएं पर्यावरण के लिए हानिकारक है, मिट्टी की प्रतिमाओं को स्थापित किया जाना चाहिए। सदस्यों ने कहा इस बार आर्डर दे चुके है और मिट्टी की बड़ी प्रतिमाएं बनाना संभवन नहीं है। मिट्टी की बड़ी प्रतिमा के टूटने का खतरा रहता है। पिछले साल भी एक पंडाल में ऐसा ही हुआ था, जिसके बाद रातोरात जाकर नई प्रतिमा लाना पड़ी थी। सदस्यों ने कहा कि आप सभी जनप्रतिनिधियों का सहयोग विगत वर्षों में गणेशोत्सव, नवदुर्गा उत्सव में मिलता रहता है। इस बार भी आपका सहयोग कायम रखने का आग्रह समिति सदस्यों ने किया। सांसद ने कहा इस बारे में कलेक्टर से चर्चा कर समस्या का समाधान कराएंगे।
विसर्जन की वैकल्पिक व्यवस्था करेंगे
सांसद से चर्चा के बाद समिति सदस्यों ने महापौर अमृता अमर यादव से भी मुलाकात की। साथ ही एक ज्ञापन के माध्यम से समस्या का निराकरण करने की मांग की। महापौर अमृता अमर यादव ने कहा कि यदि पदम कुंड में विसर्जन की अनुमति नहीं मिलती है तो नगर निगम द्वारा अलग से वैकल्पिक व्यवस्था कर प्रतिमाओं का विसर्जन कराया जाएगा। इस अवसर आशीष गुप्ता, सुभाष सैनी, पिंटू दरबार, रोहित यादव, साकेत दीक्षित, सुमित परिहार, बाला यादव, बादल शर्मा, पवन यादव एवं सभी गणेश एवं नवदुर्गा उत्सव समिति के भक्त उपस्थित रहे।