सानिया अली पिता जाकीर अली गुड्डी की रहने वाली है। मंगलवार को वह पिपलौद थाने पहुंची थी। यहां उसने हिंदू समाज के युवक निखिल कोचले के साथ विवाह करने की इच्छा जताई। जिसके बाद पंडित ललित डोंगरे द्वारा वैदिक पद्धति से विवाह दोनों का विवाह रचाया गया।
सती का कहना है कि वह तीन माह मथुरा व वृदावन में रही। यहां उसने सनातन धर्म को समझा। मुझे सनातन धर्म को लेकर बचपन से ही लगाव था। इस धर्म में महिलाओं का सम्मान किया जाता है उसे देवी की तरह पूजते हैं। यह सब मैंने पास जाकर देखा है। इसके बाद रामायण के हिंदू अनुवाद का पाठ भी किया। तभी मैंने सोच लिया था कि अब मैं सनातन धर्म अपनाउंगी। यहां महादेवगढ़ मंदिर में निखिल से विवाह किया है, सात फेरे लिए हैं।
महादेवगढ़ मंदिर के संरक्षक अशोक पालीवाल ने बताया कि सानिया अली मंदिर आई थी। उसने अपना नाम सती करते हुए सनातन धर्म अपनाया है। यहां मंदिर में विवाह किया। मंदिर में वर वधु को दांपत्य जीवन में प्रवेश करने का आशीर्वाद दिया गया। इस विवाह में हरिशंकर लोधी, मोनू गौर, संकेत जोशी, शारदा शर्मा, सृष्टि दुबे सहित अन्य मौजूद रहे। सभी ने दोनों को शुभकामनाएं दी।