पश्चिम बंगाल अब देवी दुर्गा की भक्ति में डूबने को तैयार है। कोलकाता महानगर समेत पूरे राज्य में आस्था की बयार बहेगी।
पितृ पक्ष के अंत में मनाया जाने वाला महालया इस वर्ष बुधवार को है। महालया के बाद देवी का आगमन होता है। शारदीय नवरात्रि में देवी दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है। पहले दिन शैलपुत्री, दूसरे दिन ब्रह्मचारिणी, तीसरे दिन चंद्रघंटा, चौथे दिन कूष्मांडा, पांचवें दिन स्कंदमाता, छठवें दिन कात्यायनी, सातवें दिन कालरात्रि, आठवें दिन महागौरी और नौवें दिन सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। ऐसी मान्यता है कि इस समय पूरी श्रद्धा से मां दुर्गा की पूजा करने से लोगों के सभी कष्ट दूर हो सकते हैं। लोग समृद्ध जीवन की शुरुआत कर सकते हैं। बाजार में मंगलवार शाम लोगों को पूजन का सामान खरीदते देखा गया। दूसरी तरफ पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दुर्गा पूजा के दौरान बाढ़ प्रभावित लोगों को राहत-सामग्री उपलब्ध कराने की आवश्यकता पर मंगलवार को जोर दिया क्योंकि राज्य के कई जिलों के निवासी इस समस्या से जूझ रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि राज्य में मौजूदा बाढ़ मानव निर्मित है क्योंकि पड़ोसी राज्यों में भारी बारिश के बाद डीवीसी बैराज से कम समय में अत्यधिक पानी छोड़े जाने के कारण बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हुई है। उन्होंने कहा कि हमें उत्तरी और दक्षिणी जिलों के बाढ़ प्रभावित लोगों के चेहरों पर मुस्कान लानी है। दुर्गा पूजा उत्सव के दौरान उन्हें हमे राहत सामग्री पहुंचानी है। हमें इस समय में मालदा के रतुआ और उत्तर बंगाल के कई अन्य इलाकों के लोगों का साथ खड़े रहने चाहिए। उन्होंने कोलकाता के उत्तरी हिस्से में श्रीभूमि स्पोर्टिंग क्लब द्वारा आयोजित दुर्गा पूजा कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि हमें महालया के दिन तक कांदी, सुती और फरक्का की स्थिति के प्रति सतर्क रहना होगा।