ABP Kota: कोटा.अभेड़ा बायोलॉजिकल पार्क में शेरनी सुहासिनी के प्रवेश के बाद वन विभाग ने उसकी जोड़ी बनाने के प्रयास भी तेज कर दिए है। जल्द ही वन्यजीव प्रेमियों को खुशखबर मिलेगी। विभाग ने शेरनी सुहासिनी के लिए जोड़ीदार भी ढूूंढ लिया है। जानकारी के अनुसार नाहरगढ़ से लाई गई शेरनी सुहासिनी के लिए सज्जनगढ़ से शेर अली को लाया जाएगा।
विभाग को केन्द्रीय चिडि़्याघर प्राधिकरण (सीजेडए) से शेरनी को लाने की अनुमति मिली थी। शेरनी की अभेड़ा बायोलॉजिकल पार्क में शिफि्टंग के बाद अब इसकी जोड़ी बनाने का विचार किया जा रहा है। इसके लिए विभाग ने वन्यजीव विभाग के मुख्य वन संरक्षक को शेर लाने के लिए प्रस्ताव भेजा है। जिसमें सीजेडए से शेर लाने की अनुमति मांगी गई है।
इसलिए मांगी अनुमति
सीजेडए से तीन वन्यजीवों को लाने की परमिशन मिली थी। इनमें एक शेरनी व एक बाघ तथा बाघिन लाने की अनुमति मिली थी। शेरनी की जोड़ी बनाने के लिए अब शेर को भी लाने के प्रयास किए जा रहे हैं। उदयपुर के सज्जनगढ़ बायोलॉजिकल पार्क से शेर अली शेरनी का जोड़ीदार बन सकता है।
सप्ताह भर में दो नए मेहमान
शेर के लिए प्रस्ताव भेजने के साथ सीजेडए की अनुमति के अनुसार जल्द ही नाहरगढ़ से बाघ व बाघिन को भी लाया जाएगा।
विभाग के सहायक वन संरक्षक राज बिहारी मित्तल के अनुसार सप्ताह भर में बाघ व बाघिन को लाने के प्रयास कि जा रहे हैं। इससे पहले इस बात का ध्यान रखा जा रहा है कि बाघिन के शावक किसी प्रकार का व्यवधान महसूस नहीं करे।
चेहरे पर न कोई शिकन न तनाव, भरपूर आहार
नाहरगढ़ से लाई गई शेरनी स्वस्थ व मस्त है। 210 किलो वजनी शेरनी नई जगह पर दूसरे दिन खुश नजर आई। डॉ विलास राव गुल्हाने ने बताया कि शेरनी पर्याप्त आहार ले रही है। कोटा में शिफ्ट करने के बाद से ही डाइट रिपोर्ट के अनुसार 8 किलो पाडे का मांस व 4 किलो चिकन दिया जा रहा है। शेरनी से उसे आराम से खा रही है। आमतौर पर हाजमें की दृष्टि से सप्ताह में एक बार वन्यजीवों को आहार नहीं दिया जाता।
शेर को जल्द लाने के प्रयास
विभाग के उपवन संरक्षक सुनील गुप्ता के अनुसार शेरनी स्वस्थ है। उसकी देखरेख की जा रही है। शेर की जोड़ी बनाने के लिए मुख्य वन संरक्षक को प्रस्ताव भेजे गए हैं। प्रक्रिया के तहत प्रस्ताव सीजेडए को जाएंगे। अनुमति मिलने पर शेर को लाया जाएगा। फिलहाल शेरनी व बाघ बाघिन को लाने की ही स्वीकृति मिली थी। एक से दूसरे चिडि़याघर में वन्यजीवों को शिफ्ट करने के लिए केन्द्रीय चिडि़याघर प्राधिकरण से अनुमतिमिलना जरूरी होता है। उम्मीद है जल्द अनुमति मिलेगी।