कोटा. राज्य सरकार ने उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए जिलेवार सरकारी कॉलेजों की घोषणा तो कर दी, लेकिन भवन निर्माण नहीं करवा सकी। इसके चलते सरकारी कॉलेज हॉस्टल, धर्मशाला में चल रहे हैं। भौतिक संसाधनों के अभाव में विद्यार्थियों की पढ़ाई बेहतर तरीके से नहीं हो पा रही। राज्य सरकार ने पिछले दो से तीन सालों में धड़ाधड़ सरकारी कॉलेज खोले। कॉलेज के लिए जमीन का आवंटन तो हो गया, लेकिन बजट के अभाव में भवन निर्माण नहीं हो पाया। कइयों का रजिस्ट्री करवाने का ही काम चल रहा है। ऐसे में 12वीं के बाद बेहतर कॉलेज में पढ़ने का विद्यार्थियों का सपना पूरा नहीं हो रहा।
ऐसे ही कृषि व संस्कृत कॉलेजों के हाल
सरकार ने हाल ही बारां, बंदी व झालावाड़ में संस्कृत कॉलेज खोले। विद्यार्थियों में पढ़ाई को लेकर इतनी रुचि है कि झालावाड़ संस्कृत कॉलेज की सभी सीटें फुल हो गई। बूंदी की 98 व बारां की 38 प्रतिशत सीटें भर गई। इनके जमीन व भवन का काम अभी शुरू नहीं हुआ। ऐसे में ये भी स्कूलों में ही चल रहे हैं। इसी तरह से बारां, शाहबाद, हिण्डोली में कृषि कॉलेज खोले गए।
संभाग में यह स्थिति
कोटा: रामपुरा गर्ल्स कॉलेज
वर्तमान: आर्मी एरिया में हॉस्टल में कार्य: 6 करोड़ स्वीकृत, कुन्हाड़ी में भवन बन रहा
कनवास: ब्वॉयज कॉलेज
वर्तमान: सरकारी स्कूल में चल रहा कार्य: डीएमएफटी फंड से 6 करोड़ से भवन का काम चल रहा
इटावा: ब्वॉयज कॉलेज
वर्तमान: धर्मशाला में चल रहा कार्य: पहले नाले में जमीन दी, अब दूसरी जगह भवन बन रहा
झालावाड़ असनावर ब्वॉयज कॉलेज
वर्तमान: सरकारी स्कूल में चल रहा कार्य: जमीन आवंटित हुई
बूंदी जिला तालेड़ा: ब्वॉयज कॉलेज
वर्तमान: स्कूल में चल रहा कार्य: जमीन आवंटित हुई
बारां जिला अटरू: गर्ल्स कॉलेज
वर्तमान: स्कूल में चल रहा कार्य: भवन का निर्माण चल रहा
केलवाड़ा: गर्ल्स कॉलेज
वर्तमान: स्कूल में चल रहाकार्य: भवन निर्माण चल रहा
छबड़ा: गर्ल्स कॉलेज
वर्तमान: स्कूल में चल रहाकार्य: भवन का निर्माण चल रहा
किशनगंज: गर्ल्स कॉलेज
वर्तमान: स्कूल में चल रहाकार्य: जमीन आवंटन हुई
नाहरगढ़: ब्वॉयज कॉलेज
वर्तमान: स्कूल में चल रहाकार्य: जमीन आवंटन हुई
राज्य सरकार की ओर से बच्चों को उच्च शिक्षा देने के लिए सरकारी कॉलेजों खोले गए हैं। कुछ के भवन का निर्माण कार्य चल रहा है। कुछ को जमीन आवंटित हो चुकी है। उनकी रजिस्ट्री का कार्य चल रहा है। सरकार की ओर से राशि का आवंटन होने पर कॉलेजों के भवन निर्माण कार्य करवाए जाएंगे। दो कॉलेज का डीएमएफटी से निर्माण कार्य चल रहा है। ऐसे में कॉलेजों के संचालन के लिए स्कूलों, धर्मशाला व हॉस्टल में वैकल्पिक व्यवस्था की गई।
डॉ. रघुराज परिहार, सहायक निदेशक, कॉलेज शिक्षा, कोटा