रावतभाटा. तेज बारिश व मध्यप्रदेश में पानी की जबरदस्त आवक होने से गांधी सागर के फिर से तीन गेट खोले गए हैं। वहीं, राणा प्रताप सागर बांध के गेट बंद नहीं हो पाने से लगातार पानी की निकासी हो रही है। यहां से छोड़ा गया पानी जवाहर सागर में पहुंच रहा है। इससे पानी का स्तर हो रही है। ऐसे में जवाहर सागर के भी गेट खोलकर पानी छोड़ा गया। इससे चंबल में उफान आ गया और कोटा बैराज के 9 गेट खोलने पड़े। दोपहर तीन बजे तक बैराज से 80 हजार क्यूसेक पानी की निकासी की गई। इससे पहले सुबह 11 बजे करीब 10 गेट खोले गए थे। करीब 90 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया था।
Weather Update: चंबल का सबसे बड़ा गांधी सागर बांध के खुले 3 गेट, राणा प्रताप भी उफना
बैराज से पानी छोडऩे पर बूंदी जिले में राजस्थान और मध्यप्रदेश को जोडऩे वाली रोटेदा-मंडावरा पुलिया डूब गई। शाम 4 बजे तक पुलिया पर 11 फीट पानी की आवक रही। वहीं, नदी के समान्य जलस्तर से करीब 35 फीट ऊंचा चंबलेश्वर महादेव का मंदिर डूब गया।
Read More: चित्तौड़ की 150 फीट गहरी मेनाल घाटी में गिरा कोटा का युवक, चट्टानों से टकराया सिर, इकलौते बेटे की दर्दनाक मौत
गुढा बांध के 2 गेट खोलकर मेज नदी में पानी छोड़ा। जल संसाधन विभाग के कनिष्ठ अभियंता चेतन मीणा ने बताया कि रात को भीलवाड़ा जिले की ओर हुई बारिश से बांध में पानी की आवक बढ़ गई। इससे सोमवार सुबह बांध के दो गेट, 4 फीट ऊंचाई तक खोलकर पानी प्रवाहित किया गया
Read More: पुलिस ने बजरंग दल अध्यक्ष को इतना मारा की चमड़ी ही उधड़ गई, सीआई समेत 5 पुलिसकर्मी लाइन हाजिर
जान खतरे में डालकर लेते रहे पानी के मजे
राणा प्रताप सागर बांध के दो गेट खुलना रविवार शाम चार बजे ही तय हो गया था। सायरन बजाकर लोगों को सचेत भी किया। इसके बावजूद कई युवक बांध के डाउन स्ट्रीम में घूमते दिखाई दिए। सिंचाई विभाग ने पुलिस को सूचना दी। बाद में जवानों ने युवकों को हटाया।
Read More: लोकसभा अध्यक्ष ने मालदीव में पाकिस्तान को दिया करारा जवाब, बोले- पूरी दुनिया गवाह है, पाक ने किया था नरसंहार
भोपाल से आई टीम
सिंचाई विभाग के अधिकारियों का कहना है कि राणप्रताप सागर के गेट सात में ठोस मलबा या अन्य कोई पदार्थ आने से गेट पूरी तरह से बंद नहीं हो रहा था। इसको लेकर भोपाल से टीम देर शाम को रावतभाटा पहुंची, लेकिन बांध में पानी की आवक ज्यादा होने से गेट नंबर 7 व 9 खोले। सिंचाई विभाग के अधिकारियों का कहना है कि पानी का जलस्तर पूरा होने पर गेट बंद किया जाएगा। यदि सात नम्बर गेट बंद हो गया तो ठीक है। अन्यथा मरम्मत कराई जाएगी।