kota news: वन्यजीव प्रेमियों के लिए खुशखबर है। अभेड़ा बायोलॉजिकल पार्क के दूसरे चरण का लंबित कार्य जल्द शुरू होगा। सरकार की ओर से इसे हरी झंडी मिल चुकी है। दूसरे चरण के कार्यों के लिए विभाग को 25 करोड़ की दरकार है। सरकार ने इसके लिए विभाग से प्रस्ताव मांगे हैं। सरकार के निर्देशानुसार विभाग ने प्रस्ताव बनाकर भेज दिए। प्रारंभिक तौर पर 10 व बाद में 15 करोड़ की राशि खर्च कर कार्य को पूर्ण करवाया जाएगा।
कार्य प्राथमिकता के आधार पर
प्रारंभिक तौर पर 10 करोड़ के बजट से मरमत कार्य, 10 पिंजरों का निर्माण, प्रशासनिक भवन, पर्यटकों की सुविधा के लिए आवश्यक सामग्री, साहित्य की खरीद, एसटीपी, ड्रेनेज सिस्टम, वाटर हार्वेस्टिंग व पानी की व्यवस्था, कैफेटेरिया, पर्यटकों के लिए वाहन, विद्युत समेत अन्य आवश्यक कार्य करवाए जाएंग, शेष 15 करोड़ की लागत से 13 बाड़ों का निर्माण, ग्रीन बेल्ट, अधिकारियों के लिए आवास निर्माण समेत अन्य कार्य होंगे।
जायका प्रोजेक्ट में किया था
शामिल वर्ष 2017-18 में 40 करोड की लागत से दो चरणों में पार्क बनाया जाना था। इसमें से पांच वर्ष पहले प्रथम चरण के लिए 20 करोड़ की राशि स्वीकृत की गई थी। दूसरे चरण के कार्य के लिए जायका प्रोजेक्ट Japan International Cooperation Agency (JICA) में शामिल किया था, लेकिन बजट नहीं आया।
अभी तक सिर्फ ये कार्य
अभेड़ा बायोलॉजिकल पार्क की योजना के अनुरूप 35 पिंजरे बनाने हैं। इनमें से अभी तक सिर्फ 13 पिंजरे ही बने हैं। पांच पिंजरे आधे अधूरे हैं। चारदीवारी, फुटपाथ, कुछ पिंजरे समेत अन्य कार्य करवाए गए। शेष पिंजरे, करीब 2 हैक्टेयर भाग में वॉक थ्रू एवेरी, प्रशासनिक भवन, स्लॉटर हाउस, अस्पताल, इंटर प्रिटक्शन सेंटर, वॉच टावर समेत अन्य निर्माण करवाए जाने हैं।
फैक्ट फाइल
– 143 हैक्टेयर भू-भाग में फैला है अभेड़ा बायोलॉजिकल पार्क
-25 करोड़ खर्च की दरकार है दूसरे चरण के निर्माण के लिए
-35 पिंजरे बनने हैं पार्क में 13 पिंजरों का निर्माण हुआ है
– 05 पिंजरे अभी आधे-अधूरे 12 प्रजातियों के प्राणी पार्क में
-03 दशक फाइलों में दौड़ता रहा अभेड़ा पार्क का निर्माण
-2005 में सीजेडए के निर्देश के बाद सरकार ने पार्क बनाने के दिए थे आदेश
– 2018-19 में शुरू हुुआ निर्माण
– 2020 में कुछ वन्यजीवों की शिटिंग 18 दिसंबर 2021 को तत्कालीन मुयमंत्री ने किया वर्चुअल उद्घाटन
-28 जनवरी 2022 को पर्यटकों के लिए खोला गया
बर्ड्स व रेप्टाइल्स पुराने जू में
अभेड़ा पार्क में सांभर, चीतल, नीलगाय, काले हिरण, चिंकारा, बाघ, शेर, पैंथर, भालू, सियार व जरख समेत कुछ अन्य प्रजातियों के करीब 100 से अधिक वन्यजीव हैं। पक्षी, अजगर, घड़ियाल अभी भी कैजेज के अभाव में रियासतकालीन चिड़ियाघर में हैं। नयापुरा क्षेत्र में करीब 2 हैक्टेयर भाग में 100 वर्ष से अधिक पुराना चिड़ियाघर है। यह काफी छोटा होने के कारण सेन्ट्रल जू अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने इसे बंद करने के निर्देश देकर अभेड़ा बायोलॉजिकल पार्क बनावाया था।
जैसा कि इन्होंने बताया
वन विभाग की वन्यजीव विंग के उपवन संरक्षक अनुराग भटनागर ने बताया कि पार्क के दूसरे चरण का कार्य अब जल्द शुरू होने की उमीद है। विभाग ने शेष कार्य की जानकारी मांगी है। उच्च स्तर से मिले दिशा-निर्देशों के अनुसार प्रस्ताव बनाकर भेज दिए हैं। जल्द बजट मिलेगा।