लखनऊ. वर्ष 1963 में अगस्त महीने की 10 तारीख को जालौन जिले के घूरा का पुरवा में फूलन देवी ( Phoolan Devi) का जन्म हुआ था। फूलन जब 10 साल की थी, जमीन के लिए अपने चाचा से भिड़ गई। धरना दिया। चचेरे भाई को पीटा भी। क्योंकि उसने एक बार मां से सुना था कि चाचा ने उसकी जमीन हथिया ली है। फूलन के गुस्सैल स्वभाव को देखते हुए घरवालों ने 30-40 वर्ष बड़े आदमी से फूलन की शादी कर दी। शादी के बाद फूलन परेशान रहने लगी। स्वास्थ्य ज्यादा बिगड़ा तो पति ने उसे मायके भेज दिया। फिर ससुराल गई तो पता चला कि पति ने दूसरी शादी कर ली है। मियां-बीवी ने बेइज्जत कर फूलन को घर से भगा दिया। इसके बाद फूलन का नये लोगों के साथ उठना-बैठना शुरू हो गया, जिनमें कुछ लोग डाकुओं के गैंग से भी जुड़े थे। फूलन ने खुद अपनी आत्मकथा में जिक्र करते हुए कहा कि शायद किस्मत को यही मंजूर था।