नागौर. कृषि उपज मंडी में गुरुवार को जीरे और इसबगोल का रुख मजबूत रहा, हालांकि जीरे के भाव पिछले चार दिनों में नरमी की ओर दिखाई दिए। जीरा 18 हजार से 20 हजार 500 रुपए प्रति क्विंटल के बीच बिका, जबकि गत शनिवार को अधिकतम भाव 21 हजार रुपए दर्ज हुआ था। इस तरह चार दिन में जीरे के भाव 500 रुपए प्रति क्विंटल कम हुए हैं। व्यापारियों के मुताबिक बाहरी बाजार की मांग में थोड़ी सुस्ती आने से दरों पर मामूली दबाव बना है, लेकिन अभी भी जीरा मंडी के प्रमुख ऊंचे भाव वाले जिंसों में शामिल है। इसके विपरीत इसबगोल ने मजबूती कायम रखते हुए 10 हजार से 13 हजार 200 रुपए प्रति क्विंटल के बीच व्यापार किया। मंडी सूत्रों का कहना है कि इसबगोल की मांग नियमित बनी हुई है, इसलिए भाव स्थिरता के साथ ऊंचे स्तर पर चल रहे हैं।
इनका रहा सामान्य कारोबार
मूंग, ग्वार और दाणा मेथी में सामान्य कारोबार देखने को मिला। मूंग 4 हजार से 7 हजार रुपए प्रति क्विंटल पर बिकी, जबकि ग्वार 4 हजार से 4 हजार 586 रुपए प्रति क्विंटल के भाव में रहा। दाणा मेथी के भाव 4 हजार 800 से 5 हजार 350 रुपए के बीच स्थिर बने रहे। व्यापारियों ने बताया कि इन जिंसों में न तो विशेष तेजी रही और न ही मंदी, क्योंकि आवक व मांग दोनों संतुलित स्थिति में हैं। तिलहन वर्ग में भी बाजार शांत रहा। सफेद तिल 10 से 12 हजार रुपए और काला तिल 9 हजार से 10 हजार 500 रुपए प्रति क्विंटल तक बिका। सरसों (रायड़ा) का 40 फीसदी फेट तेल 6 हजार 400 रुपए प्रति क्विंटल के औसत भाव पर रहा, जिसे किसान स्थिर और सामान्य बाजार का संकेत मान रहे हैं। सौंफ, असालिया, सिंधी सुबा, तारामीरा, ज्वार और मौठ जैसी दैनिक उपयोग की जिंसों में भी भावों में कोई विशेष उतार-चढ़ाव नहीं हुआ। सौंफ 7 हजार से 9 हजार 200 रुपए, असालिया 6 हजार 300 से 6 हजार 600रुपए, सिंधी सुबा 6 हजार से 6 हजार 500 रुपए और तारामीरा 5 हजार से 5 हजार 325 रुपए प्रति क्विंटल पर बिकी। मंडी अधिकारियों के अनुसार आज आवक सामान्य रही और अधिकांश जिंसों में बाजार पूरी तरह शांत दिखाई दिया। किसानों में प्रभुराम, जेतराम, सुआलाल और रामजीलाल का कहना है कि यदि मौसम अनुकूल रहा तो आने वाले दिनों में आवक बढ़ सकती है और भावों में हलचल देखने की संभावना भी बन सकती है।
किसानों की बढ़ी हलचल
किसानों की आवाजाही से मंडी गुलजार रही। इन दिनों जिंस मंडी के अगले से गेट से लेकर पिछले गेट तक नजर आ रहे हैं। व्यापारियों में पवन भट्टड़ ने बताया कि सीजन के साथ जिंसों की आवक बढ़ी है। खरीद एवं बिक्री दोनो ही बेहतर हो रहे हैं। जिंसों की ज्यादा आवक की वजह से ही मंडी में गत तीन दिसंबर को व्यापार मंडल की ओर से अवकाश रखा गया था। इस दौरान नीलामी आदि नहीं हुई थी। ताकि बिका माल व्यवस्थित किया जा सके।