नागौर. जिले के केन्द्रीय बस स्टैंड की स्थिति दिन.ब.दिन बिगड़ती जा रही है। प्रतिदिन लाखों रुपये का राजस्व देने वाले इस महत्वपूर्ण परिवहन केंद्र की हालत इतनी खराब हो चुकी है कि यहां आने वाले यात्रियों को बुनियादी सुविधाएं भी नहीं मिल पा रही हैं। सफाई व्यवस्था से लेकर फर्श की स्थितिए और यहां तक कि पीने के पानी की व्यवस्था भी बदतर हो चुकी है।
फर्श की खराब हालतए गंदगी का साम्राज्य
केन्द्रीय बस स्टैंड की फर्श जगह.जगह उखड़ी हुई है और दरारों में बदल चुकी हैए जिससे यात्रियों को गंभीर दुर्घटनाओं का सामना करना पड़ सकता है। गड्ढों से भरी हुई फर्श पर चलना यात्री के लिए खतरनाक हो गया है। इसके अलावाए बस स्टैंड के चारों ओर कचरे का ढेर पड़ा रहता हैए जिससे पूरी जगह बदबू से भर जाती है। न केवल फर्शए बल्कि प्याऊ भी गंदगी से भरा हुआ है] और वहां का पानी पीने योग्य नहीं रह गया है। यात्री जो पानी पीने के लिए के लिए प्याऊ की ओर बढ़ते हैंए वे वहां की गंदगी और प्रदूषित पानी देखकर अपनी हालत पर शर्मिंदा होते हैं।
सफाई व्यवस्था पर प्रशासन की उदासीनता
बस स्टैंड की सफाई व्यवस्था की स्थिति बेहद खराब है। कूड़े के ढेर और गंदगी से पूरा वातावरण गंदा हो जाता है। यह यात्रियों को असुविधा और परेशानी में डाल देता है। रोडवेज प्रशासन की ओर से सफाई कर्मचारियों की तैनाती तो की गई है, लेकिन काम में कोई पारदर्शिता या नियमितता नहीं है। कचरे को इधर.उधर फेंक दिया जाता है, और सफाई के नाम पर केवल औपचारिकताएं निभाई जाती हैं। गर्मियों में यह स्थिति और भी विकट हो जाती ह।
पीने का पानी भी दूषित, स्थिति बेहाल
बस स्टैंड पर पीने के पानी की व्यवस्था भी खस्ता हालत में है। प्याऊ की पानी की गुणवत्ता बेहद खराब हो चुकी है। जिससे यात्री इसे पीने से परहेज़ करते हैं। पूरा प्याऊ गंदगी से भरा रहता है। इसकी वजह से पीने के लिए यात्री आते हैं तो दुर्गन्ध की स्थिति का सामना करना पड़ता है। इसके चलते वहां गंदगी और नमी के कारण स्थिति खराब हो चुकी हैं। कई यात्री तो विवशता में फिर दुकानों से पानी की बोतल को खरीद कर इस्तेमाल करते हैं।
रोडवेज बस स्टैंड की समस्याओं पर एक नजर
नागौर रोडवेज बस स्टैंड पर यात्रियों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इनमें गंदगी, अव्यवस्थित नाले, हैं। बस स्टैंड पर आवश्यक जानकारी की कमी और कुछ रूटों पर बसों की अनुपलब्धता भी यात्रियों के लिए बड़ी समस्याएं उत्पन्न कर रही हैं। बस स्टैंड परिसर में लावारिस पशु भी यहां घूमते रहते हैं, जो यात्रियों के लिए असुविधा का कारण बनते हैं। इसके अलावा बस स्टैंड पर किराया सूची और रूट चार्ट नहीं नजर आता है। जिससे यात्रियों को रूट और किराए की जानकारी नहीं मिल पाती। रात के समय पूछताछ काउंटर पर कर्मचारियों की अनुपस्थिति भी यात्रियों के लिए एक समस्या बन चुकी है। इस कारण यात्रियों को मार्ग संबंधी जानकारी प्राप्त करने में कठिनाई होती है। कुछ रूटों पर, जैसे रामदेवरा-फलोदी और रात में जयपुर/अजमेर के लिए बसों की सेवा उपलब्ध नहीं है। जिससे यात्रियों को निजी बसों पर निर्भर रहना पड़ता है। इसके साथ ही, टिकट खिड़कियां भी कई वर्षों से बंद पड़ी हैं, जिससे यात्रियों को टिकट लेने में दिक्कत होती है।