नागौर. मजदूरों को श्रमिक डायरी लेबर कार्ड बनाने का झांसा देकर शहर में लोगों से अवैध वसूली करने का मामला सामने आया है। बीकानेर के एक एनजीओ के नाम से कुछ लोग पिछले सात दिन से यहां अलग-अलग मोहल्लों में शिविर लगाकर लोगों को सदस्य बनाने के नाम पर प्रवेश शुल्क, सदस्यता शुल्क व अनुदान राशि के नाम पर 500-500 रुपए वसूल रहे थे।
जानकारी के अनुसार राजस्थान भवन एवं अन्य संनिर्माण सर्व कामगार सेवा संघ, बीकानेर के नाम से कुछ युवकों ने शहर के वाल्मीकि बस्ती में मंगलवार को शिविर लगाया। शिविर लगाने से पूर्व ओंकारसिंह नाम के एक व्यक्ति ने पार्षद के पति कांतिमलगुजराजी से सम्पर्क किया और बताया कि वे नागौर शहर का सर्वे कर रहे हैं, जिन लोगों के श्रमिक डायरी नहीं बनी हुई है, उनका पंजीकरण करके श्रमिक कार्ड बनवा देंगे। कांतिमल ने अपने वार्ड के लोगों को श्रम विभाग की योजनाओं का लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से लोगों को पंजीयन करवाने के लिए बोल दिया। पंजीयन कराने के लिए जो भी आया, उससे 500-500 रुपए वसूले गए तथा जल्द ही श्रमिक डायरी बनाने का झांसा दिया। शाम को कुछ लोग रसीद लेकर श्रम विभाग कार्यालय पहुंच गए और डायरी देने के लिए कहा। रसीद देखते हुए श्रम विभाग के अधिकारियों को फर्जीवाड़े की आशंका हुई, जिस पर श्रम निरीक्षक मुकेश बाजिया मौके पर पहुंचे तथा शिविर बंद करवाकर ओंकारसिंह को अपने साथ ले आए। मौके से रसीद बुक भी जब्त की गई हैं, जिनमें रुपए देने वाले लोगों के नाम-पत्ते व मोबाइल नम्बर लिखे हुए हैं।
फर्जीवाड़े की सूचना मिली तो पैसे लेने वालों की लगी भीड़
श्रम विभाग के अधिकारियों ने कार्रवाई तो जनप्रतिनिधियों को भी पता चल गया। ऐसे में उन्होंने अपने-अपने वार्ड के लोगों को सूचना देकर श्रम विभाग कार्यालय बुला लिया। अधिकारियों ने पैसे वसूलने वाले औंकारसिंह से रसीद के आधार पर वसूले गए रुपए वापस दिलाए। देर शाम तक लोग रसीदें लेकर पहुंचते रहे, आखिर में पैसे खत्म हो गए। कार्रवाई की जानकारी मिलने पर औंकारसिंह के दूसरे साथी फरार हो गए। ऐसे में कुछ लोग थाने पहुंच गए।
बचाव की गली रखी
एनजीओ का नाम से प्रवेश शुल्क के 100, सदस्यता शुल्क के 120 तथा अनुदान राशि के 280 मिलाकर कुल 500 रुपए लेने वाले लोगों ने विभाग की कार्रवाई से बचाव का तरीका भी रखा। श्रमिकों को जो रसीद दी गई, उसमें अनुदान शुल्क के आगे कोष्ठक में ‘इच्छानुसार’ शब्द लिख दिया। हालांकि किसी मजदूर ने इस पर गौर नहीं किया और सबने 500 रुपए देकर रसीद कटवा ली।
लाखों रुपए वसूल चुके
श्रम विभाग पहुंचे शहरवासियों व जनप्रतिनिधियों से मिली जानकारी के अनुसार एनजीओ के नाम से वसूली करने वाले लोग पिछले सात दिन में यहां लाखों रुपए वसूल चुके हैं। खोडा का मोहल्ला निवासी अशोक ने बताया कि उसने 500 रुपए देकर अपनी पत्नी संतोष के नाम से रसीद कटवाई। शिविर में बैठे युवकों ने उसे श्रमिक डायरी बनाने का झांसा दिया था। उसके साथ सैकड़ों लोगों से रुपए लेकर रसीदें काटी है। पूर्व पार्षद हरिराम जाखड़ ने पत्रिका को बताया कि चार-पांच दिन पहले इन लोगों ने उनके वार्ड में भी शिविर लगाकर लोगों से रुपए वसूले थे।
मौके का फायदा उठाया
गौरतलब है कि इन दिनों खाद्य सुरक्षा योजना में नाम जुड़वाने के लिए ऑनलाइन आवेदन को लेकर सरकार ने पोर्टल खोला है। इसमें एक विकल्प पंजीकृत श्रमिक का भी है, ऐसे में खाद्य सुरक्षा योजना से वंचित लोग श्रमिक डायरी बनवाकर नाम जुड़वाना चाहते हैं। एनजीओ के नाम से शिविर लगाकर रुपए वसूलने वाले लोगों ने इसी मौके का फायदा उठाया और यहां लोगों को झांसे में लेना शुरू कर दिया।
मैं तो केवल कार्यकर्ता
श्रम विभाग के अधिकारियों ने जिस व्यक्ति को पकड़ा, उसने अपना नाम औंकारसिंह बताया। पत्रिका को उसने बताया कि वह एनजीओ का एक कार्यकर्ता है और यहां शिविर लगाकर एनजीओ के लिए सदस्य बना रहे हैं, ताकि उन्हें जागरूक कर सके। साथ ही यह भी कहा कि श्रमिक डायरी बनवाने में श्रमिकों की मदद करेंगे। हालांकि उसकी कार में जोधपुर जिलाध्यक्ष की प्लेट रखी हुई थी।
सदस्य बनाने से रोक नहीं सकते
एनजीओ का एक व्यक्ति कुछ दिन पहले शिविर लगाने के लिए अर्जी लेकर आया था, लेकिन हमने शिविर लगाने की अनुमति नहीं दी। मंगलवार को सूचना मिली तो हमने मौके पर पहुंचकर शिविर बंद करवाया तथा संबंधित व्यक्ति को पकडकऱ कार्यालय लाए तथा लोगों को पैसे वापस दिलाए।
– मुकेश बाजिया, श्रम निरीक्षक, श्रम विभाग, नागौर