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वीडियो: पौधों के जन्मदिन पर होगा सुंदरकांड, सुरक्षा के लिए बांधेंगे चुनरी

बच्चों की तरह पौधों का पाल रहे शारदा प्रसाद कराएंगे कार्यक्रम

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नागदा. शहर के सीनियर सिटीजन शारदा प्रसाद पांडे पौधों की देखभाल इस तरह से करते हैं जैसे कि वे उनके बच्चेे हो। इसीलिए एक जीवात्मा की तरह शारदा इन पेड़-पौधों का बर्थ-डे मनाते हैं। लगताार 9 वर्षों से शारदा प्रसाद पेड़-पौधों का जन्मदिन मनाते आ रहें हैं। सोमवार को शारदा प्रसाद द्वारा लगाएं पेड़-पौधे 10वें साल में प्रवेश करेंगे। इस खुशी में वे धार्मिक अनुष्ठान करके मनाएंगे।
ग्रेसिम के स्पेनिंग एवं ऑफ्टर ट्रीटमेंट विभाग से रिटायर्ड सीनियर ऑपरेटर व बीसीआई स्कूल में शिक्षक रह चुके 71 वर्षीय शारदा प्रसाद पांडे ने 12 फरवरी 2016 को अपने निजी प्लॉट पर पौधे लगाएं थे। तब से हर साल वे पौधों की बर्थ-डे पार्टी मनाते हैं। शारदा प्रसाद को पेड़ों से इतना लगाव है कि वे पौधों की देखभाल के लिए खुद को भी शारीरीक रूप से तंदुरुस्त रखे हैं। अधिकांश समय पौधे के बीच ही गुजारते हैं। इनमें से पौधे की कटाई, उन्हें खाद देना, पानी देना आदि काम करते हैं। एक और अच्छी बात है कि वे इन पेड़-पौधों को सींचने के लिए रासायनिक की बजाय स्वयं के हाथों से निर्मित गोबर की खाद का उपयोग करते हैं। यही वजह है कि शारदा प्रसाद के उद्यान में उगने वाले फल और सब्जियों का स्वाद बाजार की फल और सब्जियों से अलग रहता हैं। बात यहीं खत्म नहीं होती अपने उद्यान में जो फल और सब्जियां उगती है। उसे बेचने की बजाय वे मुफ्त में दे देते हैं। घर और आसपास हरियाली होने के साथ ही उन सहित पड़ोसियों को शुद्ध फल और सब्जियां भी मिलती हैं।
आज सुबह 10 बजे से आयोजन – पौधे के जन्मदिन पर इंगोरिया रोड खड़े हनुमान मंदिर पर सुबह 10 बजे से अनुष्ठान शुरू होंगे। यहां कथा, हवन के बाद सुंदरकांड होगा। इसके बाद उद्यान में लगे समस्त पेड़-पौधों को लाल चुनरी बांधकर हनुमानजी से उनकी सुरक्षा की कामना की जाएगी। पिछले साल डेलनपुर हनुमानजी मंदिर पर आयोजन हुआ था।
जनता के नाम संदेश
हरदम पेड़ लगाओगे, तभी तो पर्यावरण का उचित आनंद उठाओगे
रविवार को शारदा प्रसाद ने कविता के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण के प्रति जनता को संदेश दिया। वे बोले- हो जाएगा सुखमय जीवन स्वच्छता का आधार यही। पढ़ते-लिखते, चलते-फिरते हरदम पेड़ लगाओगे, तभी तो पर्यावरण का उचित आनंद उठाओगे। मंगल होगा तेरा काम, मंगल होगा काम तुम्हारा, अगर रखा पर्यावरण का पूरा ध्यान और नहीं है पर्यावरण का ज्ञान तो लग जाएगा जीवन का काम।