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दुर्गा माता के मेले में उमड़े श्रद्धालु, भजनों पर किया नृत्य

गुढ़ाचंद्रजी. ढहरिया गांव में शुक्रवार को आयोजित मेले में हजारों श्रद्धालुओं ने तपती दोपहरी में लू के थपेड़ों के बीच मां भगवती दुर्गा माता के दर्शन कर खुशहाली की कामना की। ढहरिया गांव सहित जयपुर, दिल्ली, आगरा, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश आदि स्थानों से श्रद्धालु पहुंचे। श्रद्धालुओं में मां भगवती के दरबार में ध्वजा, नारियल, पान, सुपारी […]

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गुढ़ाचंद्रजी. ढहरिया गांव में शुक्रवार को आयोजित मेले में हजारों श्रद्धालुओं ने तपती दोपहरी में लू के थपेड़ों के बीच मां भगवती दुर्गा माता के दर्शन कर खुशहाली की कामना की। ढहरिया गांव सहित जयपुर, दिल्ली, आगरा, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश आदि स्थानों से श्रद्धालु पहुंचे। श्रद्धालुओं में मां भगवती के दरबार में ध्वजा, नारियल, पान, सुपारी आदि अर्पित की। माता को खीर, पुरी, मालपुरा, हलवा का भोग लगाया। कई नवविवाहित जोड़ों ने धोक लगाकर सुखी दाम्पत्य जीवन की कामना की। कई लोगों ने नवजात बच्चों का मुंडन संस्कार करवाया। इधर माता के जागरण में माता के भक्तों ने तीन घंटे भजनों की प्रस्तुति दी। मंदिर परिसर के समीप ही लगी दुकानों श्रद्धालुओं ने खरीदारी की। बच्चों ने खिलौने खरीदे। श्रद्धालु रामरूप मीना, गिर्राज मीणा ने बताया कि देवी माता का मंदिर 5 हजार वर्ष पुराना है। रासलीला मंचन देख हुए विभोर हुए श्रोता दाऊजी मंदिर में हो रहे धार्मिक आयोजन, महायज्ञ में दी वेदमंत्रों से आहुति गुढ़ाचंद्रजी. दाऊजी मन्दिर में चल रहे नवकुण्डीय श्रीलक्ष्मी नारायण महायज्ञ में मंगलवार को जयकारों से माहौल धर्ममय हो गया। आचार्य पंडित अशोक दीक्षित ने वेदमंत्रों से आहुति दिलाई। मुख्य यजमान धर्मेंद्रसिंह राजावत व उनकी पत्नी सहित अन्य ने हवन में आहुतियां दी। इससे पहले सैकड़ों महिला पुरुषों में भजनों के बीच यज्ञवेदी की परिक्रमा लगाई। रासलीला में वृंदावन के स्वामी रामस्वरूप जी शर्मा के नेतृत्व में तीन दर्जन से अधिक कलाकारों ने भगवान श्री कृष्ण की जन्म लीला का मंचन किया। इस दौरान गूंजे बांके बिहारी के जयकारों से माहौल भक्तिमय बन गया। रासलीला के शुभारंभ में समाजसेवी लोगों ने राधा कृष्ण की झांकी की आरती उतार पूजन किया। इधर सुबह 10 बजे से शुरू हुई भागवत कथा में वृंदावन सुदामा कुटी के आचार्य सौमित्री दास महाराज ने कृष्ण भगवान की जन्म की लीला का वर्णन किया। उन्होंने कहा कि जब-जब धरती पर असुरों का प्रभाव बढ़ता है तब-तब भगवान अवतार लेते हैं। मनुष्य को जन्म मरण से छुटकारा पाने के लिए भक्ति करनी चाहिए। यह मानव शरीर 84 लाख योनियों में भटकने के बाद मिलता है। इसलिए मानव को अच्छे कर्म करने चाहिए। कभी भी अहंकार नहीं करना चाहिए। कथा में आचार्य ने एक से बढ़कर एक भजन प्रस्तुत किए। जिन पर महिलाओं ने नृत्य किया। जयकारों से माहौल धर्ममय हो गया। भागवत कथा के समापन के मौके पर आरती उतारकर प्रसादी का वितरण किया गया। आचार्य ने बताया कि बुधवार को भागवत कथा में कृष्ण की बाल लीलाओं का वर्णन किया जाएगा। इधर दाऊजी मन्दिर में पुजारी मोहनलाल शर्मा ने दाऊजी महाराज का पंचामृत से अभिषेक कर झांकी सजाई। मंदिर को रंग बिरंगी रोशनी से सजाया गया। महायज्ञ में कई गांवों के श्रद्धालु पहुंचे।