नागौर. गर्मी शुरू होते ही पेयजल संकट के साथ विवाद भी शुरू हो गए। शुक्रवार को जांच करने के लिए पहुंची जलदाय विभाग के अधिकारियों के साथ खटिक मोहल्ला में क्षेत्रीय लोगों के साथ गर्मागरम बहस हो गई। अधिकारियों का कहना है कि क्षेत्रीय लोगों में किसी भृम फैला दिया कि जलापूर्ति लाइन बंद की जा रही है। इसकी जानकारी क्षेत्र में फैली तो लोगों की भीड़ एकत्रित हो गई। इस दौरान अधिकारियों एवं क्षेत्रीय लोगों के बीच गर्मारगरम बहस हुई। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए कनेक्शनों की जांच का कार्य उस क्षेत्र में रोक तो दिया गया, लेकिन अधिकारियों का कहना है कि जांच तो करेंगे, और अवैध कनेक्शन भी काटेंगे। सरकारी कार्य में बाधा डाली तो फिर विभाग विधिक कार्रवाई भी करेगा।
जलदाय विभाग के अनुसार सुबह वह आपूर्ति के स्थिति की जांच करने खटिक मोहल्ला पहुंचे तो यहां पर जलापूर्ति लाइन बंद किए जाने को लेकर फैली गफलत के चलते विवाद हो गया। लोगों को लगा कि विभाग की ओर से यह पेयजल लाइन बंद की जा रही है। ऐसे में लोगों की भीड़ एकत्रित हो गई।लोगों ने जलदाय विभाग के कर्मियों को सडक़ की खुदाई कर कनेक्शन जांच करने पर आपत्ति जताते हुए रोक दिया। इसको लेकर सहायक अभियंता सत्यनारायण बरोड़ की क्षेत्रीय लोगों से बहस हो गई। बहस के दौरान भीड़ के तेवर काफी उग्र हो गए तो जलदाय कर्मियों ने काम रोक दिया। इस दौरान सहायक अभियंता बरोड़ ने लोगों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन बात नहीं बनी। इसको लेकर लगभग दो घंटे तक गतिरोध बना रहा। आखिरकार विभाग की ओर से चल रहे कनेक्शनों के स्थिति के जांच कार्य को रोक दिया गया। लोगों को समझाया गया कि वह केवल लाइन की जांच कर रहे, बस। जलापूर्ति लाइन को बंद करने की कोई योजना नहीं है। इस संबंध में सहायक अभियंता सत्यनारायण बरोड़ से बातचीत हुई तो बताया कि वह तो केवल लाइन की जांच करने गए थे। जांच में खटिक मोहल्ले में अंतिम छोर के 7-10 घरो में आपूर्ति में व्यवधान पाया गया। इसकी जांच की गई। इस दौनान महेंद्र टाक ,धनराज ,प्रहलाद ,रामकरन पुत्र रामनारायण इत्यादि को पानी का दुरुपयोग करता पाया गया। इनको नोटिस दी जा रही है। इसके साथ ही यहां देवराम का एक अवैध कनेक्शन पाए जाने पर उसे काट दिया गया।