मंडी के अधिकारी शेड खाली कराने में तो नाकारा साबित हो रहे हैं, हर बार नोटिस देकर इतिश्री हो रही है, मुफ्त बिजली उपयोग पर भी मुकदर्शक हुए है। महू-नीमच रोड स्थित कृषि उपज मंडी में किसानों के लिए आठ शेड बनाए गए है, लेकिन इन सभी पर व्यापारियों ने अपनी-अपनी उपज के साथ अन्य सामग्री भी जमा कर रखी है, बारिश का मौसम सर पर है, परिसर में उपज लेकर खड़े किसान घनघोर घटाएं देखकर सुबह से लेकर रात तक परेशान होते रहते हैं। किसान शेड पर लगी हर टेबल कुर्सी के साथ तीन से चार बल्व अलग से जलाए जा रहे हैं। इसके अलावा तौल कांटे के साथ मोबाइल, लेपटॉप आदि उपकरणों का चार्ज भी यहीं हो रहे हैं, जिसकी बिल भुगतान मंडी प्रशासन कर रही है।
मैं दिखवाता हूं…
मंडी सचिव एमएस मुनिया से जब किसान शेड पर मंडी की बिजली का उपयोग व्यापारियों के करने के संबंध में चर्चा की गई, इस पर सचिव ने बताया कि किसान शेड पर मंडी की बिजली का व्यापारी मुफ्त में उपयोग कर रहा है तो गलत है, मैं दिखवाता हूं। किसान शेड से व्यापारियों का जमा सामान हटाने के लिए फिर से नोटिस दिया जाएगा।
व्यापारी फर्म पर जल रही बिजली बंद करवाई
कुछ देर बात एक कर्मचारी मंडी के बिजली का कार्य देखने वाले कर्मचारी मुकेश शर्मा से कहने आता है कि साहब कह रहे है कि शेडों पर लाइट जल रही है, बंद करों। इसके बाद शर्मा वाहन लेकर किसान शेड पर व्यापारियों के ऑफिसों पर पहुंचकर जल रही, बिजली बल्वों को बंद करने पहुंचें दो-तीन व्यापारी फर्म का बंद किए।
क्या कहते मंडी कर्मचारी
मंडी कर्मचारियों का कहना है कि किसान शेड के अंदर के साथ ही गोल बिल्डिंग, फोकस आदि के 50-60 हजार रुपए प्रतिमाह का बिल आता है। सारा बिल मंडी प्रशासन ही वहन कर रहा है। एक शेड पर दस व्यापारी का माल जमा है और टेबल लगी हुई है, बिजली का व्यापारियों से कोई बिल नहीं लिया जाता है। कांटे चार्ज कर रहे कोई बात नहीं, लेकिन अन्य बिजली उपकरण जला रहे हैं तो गलत है।