रतलाम. पिछले विधानसभा चुनाव में शहर के जिन पोलिंग बूथों पर 60 फीसदी से कम मतदान हुआ वहां का राज्य निर्वाचन पदाधिकारी ने बेसलाइन सर्वे करवाया तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। किसी ने अपनी पेंशन को लेकर सवाल खड़े किए तो किसी ने कहा हम क्यों जाएं मतदान करने, हमें क्या लेना देना। हम जैसे हैं वैसे ही ठीक हैं। सर्वे की अच्छी बात यह रही कि 60 फीसदी मतदाताओं ने लोकतंत्र के पर्व में अपने मतदान की आहुति खुशी-खुशी देना स्वीकार किया।
इस टीम ने किया सर्वे
शहर के चिह्नित 20 मतदान केंद्रों में मतदाताओं के बेसलाईन सर्वे के लिए महाविद्यालय प्राचार्य डॉ. वायके मिश्र और जिला संयोजक डॉ. एसएस मौर्य के निर्देशन में महाविद्यालय के एनएसएस इकाई के 20 स्वयंसेवकों ने यह सर्वे किया है। नोडल अधिकारी प्रो. नीरज आर्य के नेतृत्व में महेश चौहान सेन (कैम्पस एम्बेसडर), राजकुमार प्रजापत, प्रियेश परासिया, ललित शर्मा, ऋषि धनेरिया, युवराज सिंह, युवराज सिंह चुण्डावत, तरुण यादव, नीलेश पाटीदार, हर्षित राठोड़, भूमि मेहता, तुलसी वर्मा, प्रमिला पंवार, दिव्या कुशवाहा, निवेदिता, डॉली प्रजापत, निशा कहार, तनिशा सोनगरा, गुनगुन टांक, आरजू बेलिम ने 2 से 10 मई तक यह सर्वे किया है।
ये रहा सर्वे का सार
60 प्रतिशत ने कहा हमने मतदान किया
20 प्रतिशत ने कहा पेंशन की दिक्कत होने से नहीं गए वोट देने
05 प्रतिशत ने बाहर रहने या नौकरी करने से मतदान नहीं किया
05 फीसदी ने कहा इपीक कार्ड या कोई अन्य कारण से मतदान नहीं किया
10 प्रतिशत ने कहा हमें क्या करना मतदान करके जो चल रहा सही है
फैक्ट फाइल
पोलिंग बूथ – 20
स्वयं सेवक – 20
प्रश्न – 13
प्रत्येक में मतदाता का सर्वे – 20-20