Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

रिलेशनशिप

Video: क्या होता है Toxic Femininity, साइकोलॉजिस्ट ने बताया महिलाओं के लिए है घातक

Toxic Femininity Meaning in Hindi: टॉक्सिक फेमिनिटी महिलाओं के लिए घातक बन रहा है। ये कई तरह से महिलाओं को शारिरिक व मानसिक रूप से नुकसान पहुंचाने का काम करता है।

Google source verification

भारत

image

Ravi Gupta

Feb 02, 2025

Toxic Femininity Meaning in Hindi: टॉक्सिक फेमिनिटी महिलाओं के लिए घातक बन रहा है। ये कई तरह से महिलाओं को शारिरिक व मानसिक रूप से नुकसान पहुंचाने का काम करता है। टॉक्सिक फेमिनिटी समाज व्यापक रूप से देखने को मिलती है लेकिन इसे अधिकतर लोग इग्नोर कर देते हैं। आज हम डॉ. अनामिका पापड़ीवाल काउंसलिंग साइकोलॉजिस्ट एवं साइकोथैरेपिस्ट से Toxic Femininity को आसान भाषा में समझने की कोशिश करेंगे।

टॉक्सिक फेमिनिटी क्या होता है (Toxic Femininity Kya Hota Hai)

टॉक्सिक फेमिनिटी को आसान भाषा में समझने की जरूरत है। टॉक्सिक फेमिनिटी महिलाओं पर लगाई गई अस्वस्थ स्त्रीत्व की अपेक्षाओं को दर्शाती है। आप इस बात को एक उदाहरण से समझ सकते हैं।

टॉक्सिक फेमिनिटी का उदाहरण | Toxic femininity examples

उदाहरण 1- “महिलाओं को त्याग के लिए तैयार रहना चाहिए।”
उदाहरण 2- “महिलाओं को हमेशा कोमल और बलिदान देने वाली होना चाहिए।”
उदाहरण 3- “महिलाओं को उनके बाहरी सौंदर्य के आधार पर आंकना”

काउंसलिंग साइकोलॉजिस्ट एवं साइकोथैरेपिस्ट का कहना क्या है?

टॉक्सिक फेमिनिटी उन हानिकारक स्टीरियोटाइप्स और अपेक्षाओं को संदर्भित करता है, जो पारंपरिक रूप से स्त्रीत्व से जुड़े होते हैं। ये विचार समाज की ओर से थोपे जाते हैं, यानी कि महिलाओं को बचपन से ही ये सिखाया जाता है कि उन्हें किस तरह से व्यवहार करना चाहिए। इस तरह की चीजें एक प्रकार से पूरी तरह स्त्री विरोधी हैं। इसके बावजूद भी उनको इसके लिए गौरवांवित महसूस कराया जाता है।

टॉक्सिक फेमिनिटी से हो सकती है ये परेशानियां

लंबे समय तक तनाव में रहना और इस कारण अल्सर, कैंसर, स्ट्रोक और हृदय रोग जैसी गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। साथ ही थकान,अनिद्रा, सिर दर्द, पेट की समस्या आदि परेशानियां भी देखने को मिल सकती हैं।

महिलाएं टॉक्सिक फेमिनिटी से कैसे बाहर आएं

-अपनी जरूरतों को प्राथमिकता दें
-अपना आकलन खुद करें
-अपनी शक्ति को पहचानें
-आंतरिक रूढ़िवादिता को चुनौती दें
-अपनी सीमाएं खुद निर्धारित करें
-अपने फैसले दूसरों को ना लेने दें
-भविष्य को लेकर स्वयं के विकास के लिए भी फैसले लें
-खुद को सुंदरता तक ही सीमित ना रखें
-अपने करियर को दूसरों के निर्णय के आधार पर ना त्यागें