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सतना

गोदामों में बची है मात्र दो दिन की उर्वरक,रैक नहीं आई तो सतना में होगी यूरिया की किल्लत

जरूरत 17 हजार मीट्रिक टन, स्टाक सिर्फ1844 एमटी

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सतना. रबी सीजन की बोवनी का कार्य शुरू हो चुका है। अगले 20 दिन में किसानों को 10 हजार एमटी यूरिया की दरकार है, जबकि जिले में मात्र 1844 मीट्रिक टन यूरिया का स्टाक बचा है। उर्वरक के अग्रिम भंडारण में प्रशासन की अनदेखी के चलते पांच साल बाद फिर जिला यूरिया संकट के मुहाने पर खड़ा है। विपणन संघ से जुडे़ सूत्रों बताया कि जिले के खाद गोदामों में मात्र दो दिन की आपूर्ति के लिए यूरिया बचा है। एेसे में यदि अगले दो तीन दिन में उर्वरक की रैक सतना नहीं पहुंची तो जिले के किसानों को यूरिया की भारी किल्लत का सामना करना पड़ सकता है।
…तो बिगड़ सकते हैं हालात

गेहूं की बोवनी का कार्य शुरू हो चुका है, रबी सीजन में किसान 20 हजार एमटी यूरिया उर्वरक का उपयोग करते हैं। लेकिन इस वर्ष आपूर्ति कमजोर होने के कारण रबी सीजन में अब तक जिले को कुल 7123 मीट्रिक टन यूरिया ही मिल पाई है, जो रबी सीजन के लिए उर्वरक आवंटन के लक्ष्य की मात्र 29 फीसदी है, यदि अगले एक सप्ताह में जिले को 5 हजार मीट्रिक टन यूरिया नहीं मिली तो आवंटन की स्थित बिगड़ सकती है। हालांकि किसानों के लिए राहत की बात यह है कि अभी जिले के सातों विकाखंड स्थित मार्कफेड के डबल लाक में यूरिया मांग के अनुरूप उपलब्ध है।

दिसंबर में चाहिए 10 हजार एमटी यूरिया
कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि यूरिया की सबसे अधिक मांग दिसंबर व जनवारी में होती है। गेहूं की बोवनी के लिए अकेले दिसंबर में किसानों को कम से कम 10 हजार एमटी यूरिया की दरकार है। जबकि जिले में अभी मात्र 1800 एमटी यूरिया का स्टाक बचा है। यदि जिला प्रशासन यूरिया के घटते स्टाक को गंभीरता से नहीं लेता तो आने वाले दिनों में किसानों को यूरिया की कमी की मार झेलनी पड़ सकती है।
सोसायटियों में नहीं खाद

सोसायटियों में खाद उपलब्ध न होने के कारण के्रडिट कार्ड से खाद उठाने वाले किसानों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। खरीफ सीजन में दी गई खाद का सहकारी बैंक पर लगभग 17 करोड़ की राशि बकाया है। इसलिए विपणन संघ ने सोसायटियों को खाद आवंटित करने हाथ खड़े कर दिए हैं। मार्कफेड के अधिकारियों का कहना है किसानों के लिए डबल लाक में नकदी काउंटर खोले गए हैं, वहां जाकर किसान आवश्यकता अनुसार खाद ले सकते हैं।
वर्जन

अभी मांग के अनुसार गोदामों में यूरिया उपलब्ध है। दो दिन में यूरिया की एक और रैक सतना पहुंच रही है। इससे जिले को 1500 एमटी यूरिया का आवंटन मिलना है। अगले सप्ताह एक और रैक पहुंचने की उम्मीद है। इसलिए खाद की किल्लत नहीं होगी। किसान आवश्यकता अनुसार यूरिया की खरीदी करें। आगे भी आपूर्ति बनी रहेगी। फिलहाल जिले में उर्वरक उपलब्धता की स्थित सामान्य है।
आनंद पाण्डेय, जिला विपणन आधिकारी