30 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

खास खबर

ओंकारेश्वर : शंकराचार्य की 100 टन वजनी, 23000 पंचायतों से जुटाए कॉपर अन्य धातु से बनी मूर्ति, वीडियो में देखिए मूर्ति का विहंगम दृश्य

कात्मधाम : शंकराचार्य की 108 फीट ऊंची प्रतिमा के अनावरण 18 को, मूर्ति के हाथ में रखा101 फीट का दंड

Google source verification

खंडवा

image

Rajesh Patel

Sep 13, 2023

खंडवा. ओंकारेश्वर में तैयार हो रहे एकात्म धाम में 18 सितंबर को 108 फीट ऊंची अदि गुुरु शंकराचार्य की मूर्ति का अनावरण होगा। सीएम शिवराज सिंह चौहान वैदिक रीति से देश के प्रमुख साधु-संतों की उपस्थिति में अनावरण करेंगे। इस मौके पर यज्ञ, हवन, पूजन, पारायण, संत समागम समेत कई कार्यक्रम होंगे। इस बीच मंगलवार को शंकराचार्य की मूर्ति के हाथ में दंड जोड़ दिया गया। वही दंड…जो अद्वैत संन्यासी हाथों में रखते हैं। जो व्यक्तिगत आत्मा और सर्वोच्च की एकता को दिखाता है।

बांध के पास सिद्धवरकूट जैन मंदिर व गया शिला के पास संत सम्मेलन के लिए विशाल वाटरप्रूफ डोम बन रहा है। समारोह में महाकालेश्वर, काशी विश्वनाथ, हरिद्वार समेत देशभर से पीठाधीश्वर व साधु-संत जुटेंगे। सभी पीठों के शंकराचार्य भी आमंत्रित किए गए हैं। 3000 साधु-संतों के ठहरने की व्यवस्था रहेगी। आचार्य महामंडलेश्वर अवधेशानंदगिरि, पुणे से स्वामी गोविंदगिरि समेत गायत्री परिवार प्रमुख डॉ. प्रणव पांडेय, चिन्मय आश्रम समेत विभिन्न मठों के प्रमुख शामिल होंगे।

शैव परंपरा के नृत्यों की होगी प्रस्तुति

15 से 19 सितंबर तक वैदिक रीति से पूजन व 21 कुंडीय हवन

दोनों कार्यक्रम मांधाता पर्वत पर सुबह 9 से शाम 7 बजे तक

18 सितंबर को सुबह 10.30 से 12.30 बजे तक मूर्ति अनावरण

दोपहर 2 से शाम 6 बजे तक संत समागम सिद्धवरकूट में

19 सितंबर को शाम 6 बजे पारायण की पूर्णता तथा हवन

मुख्यमंत्री अर्पित करेंगे पुष्पांजलि

मुख्यमंत्री एकात्मकता की मूर्ति के चरणों में पुष्पांजलि चढ़ाएंगे। भोजन प्रसादी में भी शामिल होंगे।

देशभर के साधु-संत होंगे शामिल

रोज परायण, आदि गुरु की पूजा वैदिक शांति पाठ से शुरू होगी। विष्णु सहस्त्रनाम पाठ होगा। विष्णुसहस्रनाम का भाष्य आदि गुरु ने ओंकारेश्वर में लिखा है। 32 संतों के 6 समूह पाठ करेंगे। नेतृत्व आचार्य शंकर सांस्कृतिक एकता ट्रस्टी, आदिशंकर ब्रह्मविद्यापीठ, उत्तरकाशी के आचार्य स्वामी हरिबह्मेद्रानंद तीर्थ व अन्य संत कर रहे हैं।