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श्रीगंगानगर.सदर थाना क्षेत्र रामदेव कॉलोनी से बालक रुद्रांश उर्फ रुद्र शर्मा के अपहरण की घटना के पांचवें दिन रविवार को पुलिस प्रशासन ने खुलासा किया है। डीआईजी एवं पुलिस अधीक्षक गौरव यादव ने बताया कि आठ जनवरी को हुए इस अपहरण की सूचना मिलने पर पुलिस प्रशाासन ने मिशन रुद्रांश चलाया था। उन्होंने बताया कि एडिशनल एसपी रघुवीर प्रसाद शर्मा की ओर से अपहृत बालक को सकुशल दस्तयाब करने के लिए तीन प्रकार के प्लान तैयार किए गए। इसमें पहला बालक को सकुशल लाना और आरोपियों को काबू करना, दूसरा आरोपियों को आरोपियों को बिना गिरफ़तार किए बालक को लाना, तीसरा फिरौती रकम दस लाख रुपए देने के झांसे में लाकर आरोपियों के कब्जे से बालक को छुड़ाना था। इस पर अपहृत बालक व आरोपियों की तलाश करने के लिए सादा वस्त्रों में निजी कार व मोटरसाइकिलों पर नौ टीमें फील्ड में रवाना की। वहीं एसपी ऑफिस के साइबर सैल को तकनीकी रूप तैयार की। वहीं आरोपियो की ओर से मांगी गई रकम दस लाख रुपए की नकदी का वीडियो बनाकर आरोपियों के पास भिजवाए गए। इस पर आरोपियों ने शाम सात बजे तक इंतजार करने की बात कही। इन आरोपियो के लोकेशन की हर मूवमेंट पर नजर रखी गई। एसपी ने बताया कि आरोपी दीपक कुमार उर्फ दीपू का पिता श्रीगंगानगर में स्टील बेल्डिग का काम करता और आरोपी निखित उर्फ लिखित उर्फ लक्की का पिता श्रीगंगानगर में टैम्पू चलाता है दोनों आरोपी आपस में दोस्त है। आरोपी दीपक इंस्टाग्राम पर एटीट्युड वाले विडियो बनाता है। निखित उर्फ लिखित उर्फ लक्की मोबाईल रिपेयरिंग का काम करता है। कुछ दिन दोनों आरोपीगण चंडीगढ़ रह कर आए। दोनो ने चंडीगढ़ में ऐशो आराम की जिदंगी जीने के लिए पैसे कमाने के तरीके सोचने शुरू किये और दोनों ने किसी छोटे बालक को अपहृत कर फिरौती के जरिए रुपए कमाने का प्लान बनाया।
दो जनवरी को की थी सिम चोरी
एसपी ने बताया कि इन दोनो आरोपियों ने दो जनवरी को पदमपुर रोड़ कुंज बिहार के सामने सड़क पर गोल गप्पे की रेहडी लगाने वाले व्यक्ति की मोबाईल से सिम चोरी की और उस सिम से अपने मोबाइल में व्हाटसअप एक्टिव किया। छह जनवरी को शहर की कॉलोनीयों में किसी बच्चे का अपहरण करने के लिए घूमते रहे व घूमते हुए रामदेव कॉलोनी गली नंबर 09 में पहुंचे तो बच्चा रुद्रांश खेलता मिला। इन दोनों ने बातचीत की, जिससे बच्चा उनके साथ घुलमिल गया लेकिन गली मे चहल पहल होने के कारण बच्चे का अपहरण नहीं कर सके। आठ जनवरी को फिर से उसी गली में दोनों आए तो यह बालक गली में खेलता हुआ मिला। इस बालक ने कहा कि मुझे बडी पतंग चाहिये तो दोनो ने मौका देखकर बालक को पतंग दिलाने के बहाने मोटरसाइकिल के बीच में बैठा कर अपहरण कर गुमजाल, उस्मानखेडा (पंजाब) की तरफ ले गए। बालक के परिजनों को बालक के विडियों भेजकर व्हाटअप कॉल कर 10 लाख रूपये की फिरौती की मांग की।
गुमजाल तक चलाया सर्च ऑपरेशन
एसपी ने बताया कि अपहरणकर्ताओं की लोकेशन साधुयाली, गुमजाल, उस्मानखेडा क्षेत्रों में सर्च ऑपरेशन चलाया गया। वहीं आरोपियों की प्रारभिंक जानकारी मिलने पर हिन्दुमलकोट थाने से एक टीम को आरोपियो के गांव खाटलबाना घर पर भेजी गई। पुलिस की लगातार मूवमेंट होने पर अपहरणकर्ता अपहृत बालक को लेकर वहां से रवाना होकर गांव कालूवाला की तरफ आ गए। कालूवाला की तरफ लोकेशन आने पर पुलिस टीमों ने कालूवाला क्षेत्र को घेरा गया। इस दौरान पुलिस टीमों की ओर से कालूवाला व एसएसबी रोड क्षेत्र में पहुंचकर अपहृत बालक व अपहरणकर्ताओं की फोटो व वीडियो आमजन को दिखाकर सहयोग की अपील की।
तब बाइक ओवरब्रिज की रैकिंग से टकराया
जिला विशेष टीम को दोनों आरोपियों खाटलबाना निवासी दीपक कुामर उर्फ दीपू पुत्र राजकुमार और लिखित उर्फ लक्की पुत्र सुरजीत सिंह को बालक सहित दिखाई दिए तो पीछा किया। वहां आमजन के सहयोग से कालूवाला ओवर ब्रिज के पास रोककर बालक को दस्तयाब किया। इस दौरान पहुंची लोगों की भीड़ से मौके का फायदा उठाते दोनों आरोपी मोटरसाइकिल तेज गति से चलाकर भागते हुए ओवर ब्रिज चढ़ते समय अनियंत्रित हो गए और ओवर ब्रिज की रैलिग से टकराकर नीचे गिरे। इससे इन दोनों आरोपियों के चोटेें आई।
सदर थाने में पौने एक बजे दर्ज हुई थी एफआइआर
आठ जनवरी को दोपहर पौने एक बजे रामदेव कॉलोनी निवासी भारतभूषण शर्मा ने सदर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसमें बताया कि उसका पोता रुद्रांश उनके घर के आगे गली में खेल रहा था, जो मिल नहीं रहा है। सदर पुलिस ने आस पास पूछताछ करने पर व आस-पास के सीसीटीवी फुटेज देखने पर ज्ञात हुआ कि बालक रुद्रांश का दो अज्ञात व्यक्ति मोटरसाइकल पर अपहरण कर ले गए हैं। इस पर एडिशनल एसपी रघुवीर प्रसाद शर्मा की अगुवाई में पुलिस अधिकारियों को अलग अलग जिम्मेदारी दी गई।
जिम संचालक के पास आई आरोपियों की कॉल
कुछ समय बाद परिवादी के घर नजदीक स्थित टाइटन जिम संचालक के फोन पर आरोपियों ने व्हाटसअप कॉल कर अपहृत बालक अपने कब्जे में होने व बालक के परिजनों को सुचित करने के लिए कहा। इस पर बच्चे के दादा को सूचना दी व उनके नंबर आरोपियों को बात कराने के लिए उपलब्ध कराए गए। दादा भारतभूषण शर्मा के साथ एडिशनल एसपी शर्मा ने खुद को बच्चे का चाचा बनकर 50 बार आरोपियों से बात की। आरोपियों ने धमकी दी कि बच्चा चाहिए तो दस लाख रुपए से भरा बैग दो। चाचा बने एएसपी ने सबूत मांगा तो आरोपियों ने बच्चे का वीडियाे भेजा। चार घंटे का अधिक समय बीत गए।