बीसलपुर बांध: लापता दो श्रमिकों के और मिले शव, डूबने से हुई थी मौत
सात दिन बांध के जलभराव में चल रहा था रेस्क्यू अभियान, अपने आप ऊपर आई लाश
टोंक. बीसलपुर बांध से लापता हुए तीन श्रमिकों में से दो के शव गुरुवार को और मिल गए। एक शव बुधवार को मिल गया था। तीनों शव मिलने के साथ ही सात दिन से चल रहा रेस्क्यू अभियान भी खत्म हो गया। वहीं प्रशासन ने भी राहत की सांस ली है।
पुलिस ने बताया कि गुरुवार को बांध स्थित माता जी के टापू पास सीताराम साहनी (60) पुत्र रामगति साहनी निवासी रसलपुर थाना पटोरी जिला समस्तीपुर बिहार, विनोद (35) पुत्र बंशी साहनी निवासी लावापुर थाना महनार जिला वैशाली बिहार के शव तैरते हुए मिले। इससे पहले बुधवार को पप्पू साहनी (40) पुत्र जयलदान साहनी निवासी रसलपुर थाना पटोरी जिला समस्तीपुर बिहार का शव बांध में मिला था।
नाव पलटकर डूबने की आशंका: उल्लेखनीय है कि गत 31जनवरी की शाम को बांध के मत्स्य लैंङ्क्षडग सेंटर पर मछली तुलवाने के बाद परचून सामान लेकर मछली सेन्टर टापू पर जाने के दौरान एक ही नाव में तीनों श्रमिक सवार हुए थे।
तब से वे लापता चल रहे थे। जिसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट परिजनों ने 4 फरवरी को देवली थाने में दी गई थी। पुलिस को आशंका है कि नाव पलट गई। इसके चलते श्रमिक भी गहरे पानी में डूब गए। दोनों श्रमिकों का देवली चिकित्सालय में पोस्टमार्टम करवाने के साथ परिजनों की सहमति के बाद अंतिम संस्कार कर दिया गया है।
तीनों के परिवारों पर टूटा दुखों का पहाड़: मर्तक सीता राम की पत्नी सीता गति, पप्पू की पत्नी ङ्क्षरकू देवी, विनोद की पत्नी गुरिया देवी ने पत्रिका को बताया कि विनोद बचपन से अनाथ है। जिसकी जिम्मेदारी सीताराम ने उठा रखी थी। विनोद बचपन से अपने जीजा सीताराम के साथ मछली पकडऩे का कार्य करता है।
वहीं मौत भी जीजा के साथ ही हुई है। विनोद कुमार के तीन लडक़े है। जिसमें मिथुन कुमार, हरिन्द्र कुमार, विरेंद्र कुमार है, तीनों नाबालिग है। ऐसे में पालन पोषण की जिम्मेदारी अब पत्नी गुरिया पर आन पड़ी है। वही पप्पू के पांच लड़कियां हैं पांचों कुंवारी है, वही 2 लडक़े है जो नाबालिग है। ऐसे में पप्पू की पत्नी ङ्क्षरकू का बिहार में रो रोकर बुरा हाल है। वहीं 60 वर्षीय सीताराम के 6 लडक़े व दो लड़कियां हैं। जिसमें चार लडक़े बांध पर मौजूद हैं।
तैरने का किया था प्रयास, नहीं हुए कामयाब
बीसलपुर बांध में डूबे तीनों श्रमिकों ने तैरकर जान बचाने का प्रयास किया था। एसडीआरएफ के टीम इंचार्ज विमल कुमार ने बताया कि तीनों के शव एक से दो किमी की दूरी पर मिले है।
ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि नाव डूबने के बाद बांध में अंधेरा हो चुका था। तीनों ने तैरकर जान बचाने का प्रयास किया था। इससे तीनों एक से डेढ़ किमी की दूरी पर तो पहुंच गए, मगर किनारे तक नहीं पहुंच पाए। इससे तीनों की मौत हो गई है। एक का शव मत्स्य लैंङ्क्षडग सेंटर से ढाई किमी, दूसरे का शव दो किमी, तो तीसरे का शव सेंटर से 900 मीटर की दूरी पर मिला है।
तीनों के शव बरामद हो चुके हैं। विभागीय जांच अभी जारी है। मृतकों को आर्थिक सहायता दिलाने के प्रयास करेंगे वही दोबारा ऐसी घटना नहीं हो, इसके भी इंतजाम किए जाएंगे।
राकेश बैरवा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, मालपुरा।