उज्जैन. नागपंचमी पर्व पर महाकाल मंदिर के मुख्य शिखर के ऊपरी हिस्से में स्थापित श्री नागचंद्रेश्वर की पूजन-अर्चन के लिए महंत विनीत गिरि महाराज द्वारा पट खोले गए। परंपरानुसार सबसे पहले उन्होंने जल-दूध पुष्प आदि अर्पण कर आरती उतारी। इसके बाद आम दर्शनार्थियों के लिए दर्शन का सिलसिला शुरू कर दिया गया। महाकाल और नागचंद्रेश्वर दर्शन के लिए 8 लाख श्रद्धालुओं के आने का अनुमान प्रशासन द्वारा लगाया जा रहा है। मंदिर और ट्रैफिक व्यवस्था के लिए कर्मचारी-अधिकारी तथा भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है।
वर्ष में एक बार सिर्फ 24 घंटे के लिए खुलने वाले श्रीनागचंद्रेश्वर मंदिर के पट रात 12 बजे खुले। सबसे पहले महानिर्वाणी अखाड़े के महंत विनीत गिरि महाराज ने मंदिर पहुंचकर मुख्य द्वार खोला और पूजन-आरती संपन्न की। इससे पहले उन्होंने दीवार में स्थापित अतिप्राचीन व अद्भुत शेषनाग की दुर्लभ प्रतिमा पर विराजमान शिव-पार्वती के विग्रहों का पूजन अर्चन किया। इसके बाद आम दर्शनार्थियों के लिए प्रवेश शुरू कर दिया गया। सोमवार 21 अगस्त की रात 12 बजे नागचंद्रेश्वर मंदिर के पट पुन: बंद कर दिए जाएंगे। लेकिन इससे पहले दोपहर 12 बजे शासकीय पूजन होगा, दिनभर में तीन बार मुख्य पूजन किया जाएगा, जिसे त्रिकाल पूजा कहा जाता है। दोपहर वाली शासकीय पूजा में कलेक्टर, एसपी, निगमायुक्त आदि शामिल होंगे। इसी प्रकार रात्रिकाल में एक बार फिर पूजन होगा, उसके बाद पट बंद कर दिए जाएंगे। इधर स्थानीय प्रशासन ने सोमवार को नागपंचमी पर सभी स्कूलों में अवकाश घोषित किया है।