केंद्र सरकार ने जितना पैसा टेलीविजन मीडिया अखबार में लोगों को समझाने में पैसा खर्च किया है। उतना पैसा गरीबों के हित में स्कूलों में, अस्पताल और दवाइयों में खर्च कर दिया होता तो कोरोनावायरस संक्रमण के दौरान लाखों की संख्या में जो लोग मर गए हैं। उनका उपचार होता, उनकी मौत ना होती, आज वह आपके बीच में जीवित होते। कोरोनावायरस संक्रमण के दौरान लोग अपने बच्चों को हाथ पकड़ कर सड़क पर पैदल ही चले जा रहे थे। लेकिन इनके समझ में नहीं आया कि थोड़े पैसे लगाकर रास्ते में कैंप लगा दे। जिसमें उनके खाने और रुकने की व्यवस्था हो जाती। बसपा नेता सतीश मिश्रा ने कहा कि हमने किसान बिल को लेकर किसानों की बात को उठाया। लेकिन उनकी नहीं सुनी गई। पार्लियामेंट के बाहर भी आंदोलन किया। लेकिन कोई असर नहीं है। अभी भी किसानों के साथ धोखा हो रहा है। सतीश मिश्रा ने कहा…